बारिश का कहर: बदायूं में तेज हवा चलने से गिरी गेहूं और सरसों की फसल, आलू को भी नुकसान, किसान परेशान

सार
बेमौसम बारिश से गेहूं की फसल को काफी नुकसान हुआ है। खासकर अगेती गेहूं पकने की स्थिति में है। बालियों में दाना भी मजबूती पकड़ने लगा था, लेकिन बारिश के दौरान हवा ने फसल को गिरा दिया।
विस्तार
बदायूं जिले में शुक्रवार देर रात से शनिवार दोपहर तेज हवा के साथ हुई झमाझम बारिश ने किसानों को परेशानी में डाल दिया है। हवा के झोकों को गेहूं और सरसों झेल नहीं पाई। नमी के साथ ही जमीन पर बिछी फसल का सीधा प्रभाव पैदावार पर पड़ेगा। खेतों में पानी भर जाने से खुदे पड़े आलू को भी नुकसान हो सकता है।
करीब 70 फीसदी रकबा में सरसों की फसल पक कर कटाई को तैयार है। अगेती सरसों की हालांकि गहाई भी हो चुकी है, लेकिन जिन खेतों में सरसों की कटाई हो चुकी है या फिर कटने को तैयार है, उसमें बारिश से सर्वाधिक नुकसान हुआ है। सरसों उत्पादकों में गद्दीटोला मोहल्ला निवासी गंगा सिंह कहते हैं कि बारिश के दौरान तेज हवा में गिरी सरसों की बालियां से दाने भी झड़ गए हैं। आने वाले दो-चार दिनों में मौसम का मिजाज ऐसा ही रहा तो सरसों का 40 फीसदी तक नुकसान हो जाएगा। उसकी गुणवत्ता भी प्रभावित होगी।
गेहूं की फसल को भी काफी नुकसान हुआ है। खासकर अगेती गेहूं पकने की स्थिति में है। बालियों में दाना भी मजबूती पकड़ने लगा था, लेकिन बारिश के दौरान हवा ने फसल को गिरा दिया। गेहूं की पिछेती फसल को कोई खास नुकसान नहीं है। किसानों की मानें तो जहां भी गेहूं गिरा है, उसकी पैदावार 20 फीसदी तक कम रहने की आशंका बनी हुई है। इसी तरह खुदे पड़े आलू के खेतों में बारिश का पानी भर गया है।
पानी की निकास की व्यवस्था करके आलू को काफी हद तक सड़ने से बचाया जा सकता है। इलाके में किसान आलू को बचाने में जुट गए हैं। कृषि वैज्ञानिक डॉ. संजय कुमार कहते हैं कि अभी बारिश और होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। वह तो गनीमत रही जो ओलावृष्टि नहीं हुई है। ओलावृष्टि होने पर सबसे ज्यादा नुकसान सरसों को होता।
बारिश से मिली सब्जी फसलों को संजीवनी
शनिवार को भी हुई बारिश से अगर किसी फसल को फायदा हुआ है, तो वह सब्जियां हैं। सब्जी फसलों में भिंडी, तोरई, पालक, मैंथी, लौकी आदि लहलहा उठी हैं। वैज्ञानिक संजय कुमार ने बताया कि सब्जी फसलों को फिलहाल सिचाई की आवश्यकता थी, जो बारिश के साथ पूरी हो गई है। सब्जी फसलों की ऊंचाई अधिाक नहीं होने की वजह से उस पर तेज हवा का भी असर नहीं पड़ा।
किसान विट्टन सिंह पहलवान ने बताया कि बेमौसम बारिश ने सरसों की फसल चपेट में ले ली है। सरसों खेत में ही गिर गई है। वह सुबह खेत पर पहुंचे तो नुकसान देख परेशानी में पड़ गए। कुदरत की मार ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है।
किसान किशोर पाल सिंह ने कहा कि मौसम का मिजाज शुक्रवार दिन में ही बिगड़ गया था। शाम को आसमान में काले-काले बदरा दिखे तो फसलों को नुकसान की आशंका सताने लगी। रात में बारिश ने वही कर कर दिखाया, जिसकी आशंका थी। गेहूं और सरसों पर पहले ही काफी लागत आ चुकी है।
जिला कृषि अधिकारी डीके सिंह ने कहा कि बारिश और हवा से कुछेक स्थानों पर गेहूं समेत सरसों को नुकसान हुआ है। आलू को ज्यादा नुकसान नहीं है। नुकसान वहीं है, जहां आलू खुदे पड़े और खेत में पानी भर गया है। किसानों को खेतों से बारिश के पानी के निकास की व्यवस्था करनी चाहिए।