उत्तर प्रदेशलखनऊ

सड़क पर चलने वाले हर यात्री की स्कैनिंग:हर हरकत हाई टेक कैमरों में होगी कैद, गाड़ी का इंश्योरेंस भी पता चल जाएगा

सड़क पर कानून तोड़कर बच निकलना अब मुश्किल होगा। दिल्ली, भोपाल सहित कई शहरों में ऐसी व्यवस्था की कवायद चल रही है जिससे ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले को पकड़ा जा सके और दंडित किया जा सके।

नई व्यवस्था आने के बाद महानगरों में बिना हेलमेट बाइक चलाना, बाइक पर तीन लोगों का बैठना और कार में सीट बेल्ट का इस्तेमाल नहीं करना मुश्किल होगा।

 

दिल्ली और भोपाल जैसे शहर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस ऐसे कैमरे लगाए जा रहे हैं जो ड्राइविंग संबंधी उल्लंघन के 19 हरकतों को कैद कर लेंगे।

 

इन शहरों में मुख्य स्थानों पर एआई बेस्ड कैमरे लगेंगे। यह कैमरे फेस रिकग्निशन (चेहरा पहचानने) वाले ऐप से जुड़कर काम करेंगे।

 

दिल्ली ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ने ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉगनिशन (एएनपीआर) पहचान सिस्टम के लिए टेंडर जारी किया है।

 

अभी ट्रैफिक पुलिसकर्मी ज्यादातर तेज रफ्तार में कार-बाइक चलाने, ज़ेबरा क्रॉसिंग उल्लंघन और हेलमेट न पहनने के लिए मामला दर्ज करते हैं।

 

पुलिस की नजरों से ऐसी हरकत करने वाले बच नहीं सकेंगे। इस प्रोजेक्ट से ट्रैफिक उल्लंघन के मामलों में बढ़ोतरी होने वाली, लेकिन इसका नतीजा आने वाले दिनों यह दिखेगा कि लोग सावधानी के साथ ड्राइविंग करेंगे।

बताया जा रहा है कि सिस्टम लाइसेंस प्लेट को भी अपने कैमरे में कैद करेगा और इसकी जानकारी को सिस्टम डेटाबेस में एकत्रित होगी।

 

एनपीआर कैमरे ट्रांसपोर्ट डेटाबेस से जांच करेंगे ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि कोई गाड़ी अधिक पुरानी तो नहीं या उसका पॉल्यूशन सर्टिफिकेट लंबे समय से अपडेट हुआ या नहीं। ये कैमरे एल्गोरिदम से ऑपरेट होते हैं और इसलिए यह भी बता सकते हैं कि कोई वाहन कब ओवरलोडेड है।

के एंट्री पॉइंट पर लगाए जाएंगे। इसकी निगरानी विभिन्न एजेंसियों करेंगी। लेकिन सभी चालान सरकारी पोर्टल के माध्यम से जारी किए जाएंगे। उदाहरण के लिए, इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस), वीडियो की निगरानी करेगा।

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