अक्षय नवमी पर श्रद्धालुओं ने किया आंवला वृक्ष की पूजा कर लिया अक्षय फल।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक माह को भगवान विष्णु के प्रिय मास के रूप में जाना जाता है। इस माह गंगा स्नान करने के साथ आंवला के पेड़ की पूजा-अर्चना का विधान है

रजनीश कुमार प्रजापति ब्यूरो चीफ
गाजीपुर l भांवरकोल।(जस्ट एक्शन ) अक्षय नवमी के मौके पर श्रद्धालुओं ने मंगलवार को पवित्र गंगा में आस्था की डुबकी। इसके बाद आंवला वृक्ष के नीचे पूजा-अर्चना कर दान किया जाता है। सुबह से ही क्षेत्र के गंगा घाटों पर भक्तों की भीड़ जुटी थी। कार्तिक शुक्ल पक्ष नवमी को गंगा स्नान के लिए क्षेत्र के शेरपुर, वीरपुर, पलिया, कोटवां गंगा घाट समेत अन्य गंगा घाटों पर लोगों की भीड़ स्नान के लिए जुटी थी।इसके बाद महिलाए गांव में स्थित आंवला वृक्ष के नीचे कच्चे धागे से 108 फेरी देकर दान-पुण्य किया गया। अक्षय नवमी पर भक्तों की ओर से आंवला वृक्ष के नीचे भोजन बनवा कर पुरोहितों को भोजन कराकर आशीर्वाद लिया। श्रद्धालुओं में प्रसाद के तौर पर वितरण किया गया। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक माह को भगवान विष्णु के प्रिय मास के रूप में जाना जाता है। इस माह गंगा स्नान करने के साथ आंवला के पेड़ की पूजा-अर्चना का विधान है। इस दिन पेड़ के नीचे भोजन बनाने, ब्राह्मण को खिलाने और दान-पुण्य करने का विधान है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण वृंदावन को छोड़ कर मथुरा गए थे और अपनी बाल लीलाओं को छोड़कर कर्तव्य पथ पर पैर रखा था । यह त्योहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है । अक्षय नवमी को लोग बड़े ही श्रद्धा से व्रत रखकर पूजा करते हैं। यह परंपरा द्वापर युग से चला रहा है। अक्षय नवमी पर किए गए कार्यों से व्यक्ति को अक्षय फलों की प्राप्ति होती है।