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जिला स्तरीय अधिकारी पर लेखपाल भारी, नहीं रूक रहा तालाब पर वेयरहाउस का निर्माण, एडीएम बोले…

उन्नाव में लेखपाल की साजिश से तालाब की जगह पर वेयरहाउस बन रहा है।‌ जिसे बचाने के लिए ग्राम प्रधान और ग्रामीण परेशान है। ‌पहले तहसीलदार ने टीम बनाई। अब डीएम के निर्देश पर एडीएम जांच करने के बाद जांच टीम बनाने की जानकारी दे रहे हैं। इस दौरान वेयरहाउस तेजी से बनकर तैयार हो रहा है।

उत्तर प्रदेश के उन्नाव में लेखपालों की मिली भगत से तालाब की जगह को वेयरहाउस बनाने के लिए दे दिया गया। ग्राम प्रधान की शिकायत पर पहले संबंधित लेखपाल ने वेयरहाउस का काम रुकवा दिया। लेकिन अब उनकी भी भूमिका संदिग्ध हो गई। ग्राम प्रधान ने डीएम को शिकायती पत्र देखकर पूरे मामले की जानकारी दी है। आज एडीएम वित्त एवं राजस्व मौके पर जांच करने के लिए गए। लेकिन वह भी उल्टे पांव वापस आ गए। पत्रिका से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि जांच टीम बनाई जाएगी। ग्राम प्रधान का कहना है कि पहले काम रुकवाया जाए। उसके बाद जांच हो।

मामला नवाबगंज विकासखंड के गांव भैंसोरा और रसूलपुर के बीच का है। 27 जनवरी 2024 को थाना दिवस में दिए गए शिकायती पत्र में ग्राम प्रधान रामचंद्र ने बताया कि ग्राम भैंसोरा समाज की तालाब भूमि संख्या 1199 को रसूलपुर लेखपाल सुनील सिंह ने ओसवाल वेयरहाउस को दे दिया। इस संबंध में उन्होंने क्षेत्रीय लेखपाल कुलदीप श्रीवास्तव को जानकारी दी। मौके पर पहुंचे लेखपाल कुलदीप श्रीवास्तव ने पैमाइश के बाद वेयरहाउस का निर्माण कार्य रुकवा दिया।

 

17 जनवरी को हुई नाप जोख

17 जनवरी 2024 को दोनों ही प्रधानों ने भैंसोरा और रसूलपुर की सीमाओं की नाप-जोख की। लेकिन बिना किसी निर्णय के ऊपर बैठे अधिकारियों को जवाब दे दिया गया। कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि तहसीलदार ने टीम गठित की है। जो दोनों ही गांव के सीमाओं का निर्णय करेगी। लेकिन वेयरहाउस का निर्माण कार्य तेजी से चला रहा। जिला प्रशासन सरकारी तालाब पर कब्जा होते मूकदर्शक की भांति देख रहा है।

दोनों लेखपाल की भूमिका संदिग्ध

रामचंद्र ने बताया कि 10 दिन बाद उन्होंने थाना दिवस में एप्लीकेशन देकर निर्माण कार्य रुकवाने और उच्च अधिकारियों से जांच करने की मांग की। दोनों ही लेखपालों की भूमिका को संदिग्ध बताया। ‌ 27 जनवरी को दिए गए शिकायती पत्र पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। 31 जनवरी 2024 को उप जिलाधिकारी हसनगंज को शिकायती पत्र देकर उन्होंने वेयरहाउस के तेजी से चल रहे निर्माण कार्य को रुकवाने की मांग की। साथ ही दोषी लेखपाल और अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। लेकिन शिकायती पत्र पर कोई सुनवाई नहीं हुई। ‌

2 जनवरी को डीएम से शिकायत

बीते 2 जनवरी को इसी प्रकार का एक शिकायती पत्र जिलाधिकारी को दिया गया। जिसमें थाना दिवस और उप जिलाधिकारी को दिए गए शिकायती पत्र की फोटो कॉपी भी संलग्न की गई थी। जिलाधिकारी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व को जांच करने के निर्देश दिए। आज 3 जनवरी को अपर जिलाधिकारी नरेंद्र कुमार मौके पर जांच को पहुंचे इस दौरान उन्होंने ग्राम प्रधान से बातचीत की।

क्या कहते हैं एडीएम?

एडीएम नरेंद्र कुमार ने बताया कि आज मौके पर गए थे। जांच किया, लेकिन कोई जानकारी नहीं हो पाई है। वेयरहाउस निर्माण का कार्य क्यों नहीं रुकवाया गया के सवाल पर उन्होंने कहा कि जब कुछ निकला ही नहीं है तो वेयरहाउस का काम क्यों रुकवाया जाए। ‌पूरे मामले की जांच के लिए एक टीम बनाई जाएगी।‌ ग्राम प्रधान ने पूरे प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रशासन जांच करता रहेगा और वेयरहाउस बनकर तैयार हो जाएगा। डीएम से शिकायत करने वालों में कल्लू सिंह, रंज्जन सिंह, रामदयाल, शीतल शरण सिंह, अंकित कुमार, विपिन कुमार के साथ अन्य ग्रामीण शामिल है।

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