अच्छी खबर: किसानों से अब सीधे गेहूं खरीदेगी केंद्र सरकार, ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू; एक क्विंटल पर इतना मिलेगा पैसा

किसानों के लिए अच्छी खबर है। अब उन्हें गेहूं बेचने के लिए राज्य सरकार के अधिप्राप्ति केंद्रों पर निर्भरता समाप्त हो जाएगी। सबसे बड़ी बात यह है कि डेढ़ माह पहले से हीं इस साल सरकारी क्रय केंद्रों पर गेंहू की खरीदारी शुरू हो जाएगी। जिससे किसानों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। सीतामढ़ी में तीन जगहों पर एफसीआई ने अपना क्रय केन्द्र भी खोल दिया है
देवेन्द्र प्रसाद सिंह, रुन्नीसैदपुर। किसानों के लिए अच्छी खबर है। केन्द्र सरकार अब एफसीआई के माध्यम से सीधे किसानों से गेहूं खरीदेगी। इसके लिए जिले के तीन जगहों पर एफसीआई ने अपना क्रय केन्द्र भी खोल दिया है, जहां 1 मार्च से गेहूं की खरीद शुरू होगी।
इसके खुलने से किसानों को गेहूं बेचने के लिए राज्य सरकार के अधिप्राप्ति केंद्रों पर निर्भरता समाप्त हो जाएगी। सबसे बड़ी बात यह है कि डेढ़ माह पहले से हीं इस साल सरकारी क्रय केंद्रों पर गेंहू की खरीदारी शुरू हो जाएगी। जिससे किसानों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी।
जिले में तीन स्थानों पर एफसीआई ने खोला क्रय केन्द्र
एफसीआई के द्वारा जिले के डुमरा, रुन्नीसैदपुर और सोनबरसा में एक-एक केंद्र खोले खोले गए हैं। रुन्नीसैदपुर में बुधवार को इस क्रय केन्द्र का शुभारंभ कर भी कर दिया गया। इसके अलावा जिले के सभी पैक्स और व्यापार मंडल के माध्यम से पहले की तरह राज्य सरकार गेंहू की खरीद करेगी।
इसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का काम भी शुरू हो गया है। विभागीय अधिकारी के अनुसार अभी तक रुन्नीसैदपुर के बीस किसानों ने ई-पोर्टल पर गेहूं बेचने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराया है, जबकि जिले के 156 किसानों ने अब तक अपना रजिस्ट्रेशन करा लिया है।
न्यूनतम समर्थन मूल्य में इस बार 150 रुपये की बढ़ाेतरी
पिछले वर्ष गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य केन्द्र सरकार ने 2125 रुपये निर्धारित किया था। जबकि इस वर्ष के लिए प्रति क्विंटल 2275 रुपए का भुगतान होगा। पिछले वर्ष पैक्स और व्यापार मंडलों के माध्यम से जिले में एक महज 14 किसानों से खरीद की गई। वह भी महज 27.999 मीट्रिक टन।
इसका कारण पैक्स एवं व्यापार मंडलाें से किसानों का मोहभंग होना बताया जा रहा है। समय से राशि का भुगतान नही होना, राशि में कटौती कर लिया जाना, भंडारण के कारण खरीदगी में देरी आदि ऐसे कारण रहे हैं, जिससे किसानों को परेशानी होती है।
इस वजह से सरकारी एजेंसियों की बजाय खुले बाजार में किसान गेहूं बेचने को मजबूर होते रहे हैं। किसानों की इन्हीं समस्याओं को दूर करने के लिए केन्द्र सरकार ने एफसीआई के माध्यम से सीधे गेहूं खरीद करने का निर्णय लिया है। मौसम अनुकूल होने के कारण इस वर्ष गेंहू की पैदावार अच्छी होने की उम्मीद है।
प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी सुरेन्द्र महतो कहते हैं कि गेहूं का बाजार भाव और न्यूनतम समर्थन मूल्य में समानता के कारण हीं पिछले वर्ष गेंहू की अधिप्राप्ति जिले में न के बराबर रही।
कहते हैं किसान
अथरी पैक्स अध्यक्ष यदुनंदन प्रसाद सिंह के अनुसार एफसीआई केंद्र के माध्यम सीधी खरीदारी से किसानों को फायदा होगा। एमएसपी का पूरा-पूरा लाभ मिल सकेगा। हालांकि, एफसीआई केंद्र पर बिक्री के लिए गेहूं की गुणवत्ता मानक के अनुरूप होनी चाहिए।
मोरसंड गांव के किसान विनोद कुमार सिंह व गोविंद पितौझिया निवासी रामजीवन राय ने एफसीआई के द्वारा सीधी खरीदारी की सरकारी पहल को किसानों के हित में सकारात्मक कदम बताया है। किसानों को उनकी फसलों की उचित कीमत मिले, इससे अच्छी और क्या हो सकती है।
बशर्ते, एमएसपी पर खरीदारी में घटतौली न हो। अभी गेंहू की फसल तैयारी होने में एक माह से अधिक लगेगा। किसान श्री भूपेन्द्र नारायण सिंह के अनुसार गेंहू का वर्तमान बाजार भाव तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य में कमोबेश समानता की स्थिति में किसानों को कोई विशेष फायदा दिखाई नहीं पड़ता है।
व्यापारी किसानों के खलिहान से अगर 2000 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदेंगे तो किसान एमएसपी 2275 प्रति क्विंटल की बजाय व्यापारियों के हाथ बेचना ज्यादा आसान समझेंगे। पैक्सों और व्यापार मंडलों में बेचने पर कई तरह की परेशानियां हैं।
पैक्स प्रबंधन द्वारा तमाम तरह की कटौती और घटतौली से किसानों को 1800 रुपए प्रति क्विंटल से अधिक मिल पाना मुश्किल हो जाता है। हालांकि, एफसीआई के द्वारा सीधी खरीदारी किसानों के हित में है।