बदल रहा है गोरखपुर: 137 साल बाद बदल जाएगा रेलवे स्टेशन का स्वरूप, खर्च होंगे 498 करोड़

Alisba
गोरखपुर रेलवे स्टेशन भवन का निर्माण होने वाला है। यहां 498 करोड़ से बनने वाले नए भवन में स्थानीय सांस्कृतिक विरासत एवं वास्तुकला का संगम दिखेगा। रेल मंत्री ने 30 दिसंबर को इसकी जानकारी अयोध्या में ली थी।
137 साल पुराने गोरखपुर रेलवे स्टेशन के नए भवन के निर्माण के लिए नोडल एजेंसी तय हो गई है। दिल्ली की यह कंपनी तीन चरणों में स्टेशन के कायाकल्प का काम पूरा कराएगी। इसके लिए कार्ययोजना मांगी गई है। पहले नया भवन बनाया जाएगा, जिसमें पुराने भवन के दफ्तरों को शिफ्ट किया जाएगा।
इसके बाद प्लेटफार्म व अन्य निर्माण कार्य होंगे। तीन साल में काम को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। 30 दिसंबर को अयोध्या आए केंद्रीय रेल मंत्री ने भी इसकी तैयारियों की जानकारी लेने के बाद निर्माण कार्य जल्दी पूरा कराने का निर्देश दिया है।
पूर्वाेत्तर रेलवे अपनी आधारभूत संरचना को मजबूत कर रहा है। इसी क्रम में गोरखपुर जंक्शन स्टेशन को भी विश्व स्तरीय बनाने के लिए पुनर्विकसित किया जा रहा है। बीते साल 7 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्टेशन के पुनर्विकास कार्य का शिलान्यास किया था। स्टेशन का डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) भी तैयार है।
इस स्टेशन के पुनर्विकास पर 498 करोड़ रुपये खर्च होंगे। गोरखपुर जंक्शन स्टेशन का पुनर्विकास आगामी 50 वर्षों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर किया जाएगा। वर्तमान में करीब 93 हजार यात्री रोजाना इस स्टेशन से आते-जाते हैं जिसके अगले 50 साल बाद बढ़कर 1,68,000 हो जाने की संभावना है।
15 जनवरी 1885 में बना था गोरखपुर स्टेशन
रेलवे के जानकारों के अनुसार 15 जनवरी, 1885 को सोनपुर से मनकापुर तक मीटर गेज रेल लाइन के निर्माण के साथ ही गोरखपुर रेलवे स्टेशन अस्तित्व में आया। वर्ष 1886 में गोरखपुर से उस्का बाजार लाइन के निर्माण के साथ ही यह जंक्शन स्टेशन बन गया। वर्ष 1981 में छपरा से मल्हौर तक का आमान परिवर्तन हुआ और गोरखपुर जंक्शन बड़ी लाइन के माध्यम से देश के अन्य महानगरों से जुड़ गया।
वर्ष 2004 में यहां दोहरीकरण का कार्य पूरा हुआ। यार्ड रिमॉडलिंग के साथ गोरखपुर जंक्शन स्टेशन का प्लेटफॉर्म विश्व का सबसे लंबा प्लेटफॉर्म बन गया। वर्तमान में इस स्टेशन पर कुल 10 प्लेटफॉर्म हैं। पुनर्विकास में एक प्लेटफार्म और बढ़ जाएगा। इस स्टेशन से प्रतिदिन 91 जोड़ी यात्री ट्रेनें चलाई जाती हैं।