अयोध्याउत्तर प्रदेशराज्य

आराध्य के विराजनें की व्याकुलता के बीच उल्लास और उत्साह का प्रस्फुटन

आस्था की नगरी में गूंज रहा श्रद्धा का अनहद

दैनिक जस्ट एक्शन

अशोककुमार वर्मा

अयोध्या।

आराध्य की अयोध्या, मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की अयोध्या… 500 वर्षों की प्रतीक्षा सहज भाव से पूरी हुई लेकिन अब… व्याकुलता चरम पर है। एक – एक पल काटना भारी पड़ रहा है, संपूर्ण विश्व को 22 जनवरी का इंतजार, सरयू की हर लहर तक व्याकुल। इन सबके बीच गूंज रहा आस्था की नगरी में श्रद्धा का अनहद। सर्द हवा में चहुंओर लहराती केसरिया पताकाएं। आकाश तक जय श्री राम की गूंज। चारों दिशाओं से अयोध्या धाम में प्रवेश करने वाले यह उत्सव और उल्लास देख न केवल ठिठक जा रहे हैं वरन अलौकिक आभा से अभिभूत हो रहे हैं।
राम आ रहे हैं, अयोध्या अब आतुर है अपने रामलला के लिए, देश ही नहीं विदेशों से लोग जन्मभूमि की धरा पर पहुंच रहे हैं। राम को निहारने और उनकी अगवानी के लिए। ऐसा लग रहा है मानों जड़वत अहिल्या का पुन: उद्धार होने जा रहा हो। सरयू घाट पर उगते सूरज और ढलती सांझ दोनों अब ऐसी सुहानी लगने लगी है जैसे नवयुग का प्रारम्भ हो रहा हो। रामराज्य की परिकल्पना अब केवल कल्पना नहीं साकार रुप लेती दिखाई दे रही। गाइडों से रामपथ, धर्मपथ और भक्तिपथ जैसे उच्चारण सुन यहां आने वाले आश्चर्य से भर जाते हैं, रोंगटे खड़े हो जाते हैं, सपनों में दिखनी वाली अयोध्या का यह साकार रूप आह्लादित कर देता है। सहादतगंज से आए या नाका से या फिर बाईपास के रास्ते, लहराती केसरिया पताकाएं ऐसा आभास करा रही मानों राम पुन: वनवास से राज्याभिषेक के लिए आ रहे हों…

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button