भांवरकोल में जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाई गई भगवान बिरसा मुंडा की जयंती
उन्होंने आदिवासी समुदाय के संघर्ष को नई पहचान दिलाई

रजनीश कुमार प्रजापति ब्यूरो चीफ
गाजीपुर।भांवरकोल (जस्ट एक्शन ) महान सेनानी बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया गया। स्थानीय ब्लाक सभागार में आयोजित कार्यक्रम में उनके तैल चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस मौके पर भाजपा नेता आनंन्द राय मुन्ना ने कहा कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय समुदाय का उल्लेखनीय योगदान रहा है जिसमें प्रमुख रूप से भगवान बिरसा मुंडा का नाम सर्वप्रथम आता है। आजादी की लड़ाई में उन्होंने जिस अदम्य वीरता का परिचय दिया और आदिवासी समुदाय को लेकर अंग्रेजों से जिस तरह मुकाबला किया, उस पर हर भारतीय को गर्व है। वे न सिर्फ आदिवासी समुदाय बल्कि संपूर्ण भारतवर्ष के महानायक हैं।बिरसा मुंडा आजीवन बनभूमि के साथ साथ सामाजिक, सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा की।वे अपने साथियों के साथ अंग्रेजों से लड़ते हुए अपनी शहादत दी। उनकी शहादत के ही परिणाम स्वरूप देश के बिभिन्न हिस्सों में रह रहे आदिवासी समुदाय ने अंग्रेजी हुकूमत को कड़ी टक्कर दी। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के बिरूद्ध जनजाति समाज का अपना व्याप्त एवं विशाल योगदान रहा है। उन्होंने आदिवासी समुदाय के संघर्ष को नई पहचान दिलाई। इस मौके पर खंड बिकास अधिकारी रामकृपाल यादव ने उन्हें नमन करते हुए कहा कि शायद बहुत कम लोग जानते हैं कि अंग्रेजों को सबसे पहले प्रारंभिक एवं सशक्त चुनौती आदिवासी समाज से मिलनी शुरू हुई थी। उन्होंने कहा कि बिरसा मुंडा के अनुरूप जनजातीय समाज फिर से स्थापित करने के लिए आज हमें संकल्पित होना पड़ेगा। इस मौके पर एडीओ पंचायत सूर्यभान राय ने कहा कि 1857 के प्रथम स्वतंत्रता आंदोलन की कुंद पड़ी धार को बिरसा मुंडा के नेतृत्व में स्वतंत्रता आंदोलन को नई धार मिली। इस मौके पर एडीओ सह0 कन्हैया लाल मौर्य, रतन कुमार सहित सभी सचिव तथा समस्त स्टाफ मौजूद रहे।