Gorakhpur News: गोरखपुर से सीधे जुड़ जाएगा पीलीभीत, नैनीताल की राह भी बनेगी आसान

गोरखपुर। पश्चिमी यूपी के जिला पीलीभीत और उत्तराखंड के पर्यटन स्थल नैनीताल के लिए गोरखपुर से हर साल बड़ी संख्या में लोग जाते हैं, लेकिन अभी तक ये शहर गोरखपुर से सीधे नहीं जुड़े थे। काठगोदाम (नैनीताल) के लिए केवल एक ही ट्रेन चलती है। वह भी हमेशा फुल रहती है, लेकिन अभी ये दोनों शहर पूर्वोत्तर रेलवे की मुख्य लाइन से जुड़ गए हैं। इससे गोरखपुर से नैनीताल तक आना-जाना आसान होगा।
पश्चिमी यूपी का जिला पीलीभीत गन्ने की खेती के लिए जाना जाता है। बिहार और पूर्वी यूपी से हर साल सैकड़ों लोग वहां काम की तलाश में जाते हैं। इसके अलावा नैनीताल उत्तराखंड का प्रमुख पर्यटन स्थल है। कुछ वर्षों में नैनीताल जाने वाले पर्यटकों की संख्या में इजाफा हुआ है। उधर से भी गोरखपुर आने वाले लोगों की अच्छी खासी संख्या है, लेकिन इनके बीच आवागमन के साधन ही सबसे बड़ी बाधा रहे।
गोरखपुर से अगर पीलीभीत जाना है, तो पहले सीतापुर होते हुए बरेली जाना पड़ेगा और फिर वहां से पीलीभीत के लिए साधन मिलेगा। इस तरह गोरखपुर से पीलीभीत पहुंचने में करीब 15 घंटे का वक्त लग जाते हैं। नैनीताल के लिए हालत तो इससे भी अधिक खराब है। अगर घूमने जाना है तो या तो अपनी गाड़ी का इंतजाम करिए या लखनऊ या बहराइच के रास्ते सीतापुर होते हुए बरेली पहुंचें और वहां से काठगोदाम के लिए ट्रेन पकड़ें।
गोरखपुर से काठगोदाम तक केवल बाघ एक्सप्रेस ही जाती है और यह इस रूट की सबसे व्यस्त ट्रेनों में शामिल है। इसलिए यह ट्रेन पश्चिम बंगाल से बिहार और यूपी को पार करते हुए उत्तराखंड तक पहुंचती है, लेकिन अब यह राह आसान हो जाएगी। क्योंकि बहराइच रूट से जुड़े शाहगढ़-मैलानी के बीच 20 किलोमीटर लाइन को छोटी लाइन से बड़ी लाइन में अपग्रेड किया जा चुका है। इस लाइन का सीआरएस निरीक्षण भी हो गया है। अब गोरखपुर से गोंडा-बहराइच होते हुए सीधे सीतापुर के रास्ते पीलीभीत होते हुए ट्रेन चलाई जा सकती है।
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लखनऊ की राह भी होगी आसान
शाहगढ़-मैलानी रूट के अग्रेड होने के बाद अब पीलीभीत-शाहगढ़-मैलानी-लखनऊ रूट बनेगा, जिस पर ट्रेनों का संचालन शुरू होने पर पीलीभीत से लखनऊ आना-जाना आसान हो जाएगा। इससे कासगंज-बदायूं वाया बरेली-पीलीभीत-लखनऊ के लिए रेल सेवा का रास्ता खुल जाएगा। इसके अलावा पूर्वोत्तर रेलवे को टनकपुर-पीलीभीत-लखनऊ और काठगोदाम-पीलीभीत-लखनऊ-गोरखपुर रेल मार्ग भी मिल जाएगा। पीलीभीत-मैलानी-लखनऊ रेल मार्ग को ब्राॅडगेज करने और विद्युतीकरण का काम भी पूरा हो चुका है। शाहगढ़-पीलीभीत के बीच की लाइन पीलीभीत टाइगर रिजर्व (पीटीआर) से गुजरती है। इस कारण इस रेल खंड में काम देरी से पूरा हो सका। यह मार्ग पूर्वोत्तर रेलवे के अधीन आता है। इसके शुरू होने से टनकपुर, काठगोदाम, लालकुआं, हल्द्वानी और काशीपुर स्टेशनों से लखनऊ के लिए सीधी रेल सेवा शुरू हो सकेगी।
समय और सुविधाएं बढ़ेगी
इस नई लाइन के चालू होने से यात्रा के समय और किराए में तो बहुत बड़ा परिवर्तन नहीं होगा, लेकिन सीधी रेल सेवा मिलने से आवागमन की कठिनाइयां कम हो जाएंगी। अभी पीलीभीत व काठगोदाम के लिए जो ट्रेनें चलती हैं, उसमें पूर्वोत्तर रेलवे के अलावा उत्तर रेलवे का भी हिस्सा आता है। इसलिए अगर कोई नई ट्रेन सुविधा शुरू करनी है तो पहले दोनों क्षेत्रीय रेल को अपनी जरूरत और सिस्टम को अपग्रेड करना पड़ेगा। नई लाइन बिछ जाने से उत्तर प्रदेश के इस दुर्गम इलाके में भी आना आसान हो जाएगा, जिसका फायदा रेलवे के साथ-साथ स्थानीय लोगों को भी मिलेगा।