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Gorakhpur News: पिता की जगह लगा दिया खुद का आय प्रमाणपत्र…चार हजार विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति पर संकट

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सितंबर में ही बदलाव का आया था शासनादेश, विश्वविद्यालय व कुछ महाविद्यालयों में जानकारी ही नहीं दी

बहुत सारे छात्रों ने पहले ही जमा कर दिया आवेदन फॉर्म, अंतिम तिथि बीतने के बाद हुई जानकारी

संवाद न्यूज एजेंसी

गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय एवं इससे संबद्ध महाविद्यालयों के तीन से चार हजार विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति फंस सकती है। जानकारी के अभाव में छात्रों ने अपने नाम के आय प्रमाण से आवेदन कर फॉर्म जमा कर दिया है, जबकि माता-पिता के नाम से प्रमाणपत्र लगाना था। इसे लेकर शासन की ओर से सितंबर में गाइड लाइन भी भेजी गई थी, लेकिन विद्यार्थियों को इसकी जानकारी ही नहीं दी गई। वहीं, विभागाें में भी लापरवाही बरती गई और फाॅर्म जमा करा लिए गए। बाद में जांच के दौरान मामला पकड़ में आया। जिसके बाद विद्यार्थियों से पिता का आय प्रमाणपत्र जमा कराने को कहा गया, लेकिन इसी बीच फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि बीत गई।

शासन ने 2023-24 में छात्रवृत्ति के लिए आवेदन फॉर्म में कई तरह के बदलाव किए हैं। अब आय प्रमाणपत्र में पिता की आय, पिता के न रहने पर माता की आय, दोनों के न रहने पर अभिभावक की आय और शादी होने की दशा में पति की आय ही मान्य होगी। पहले आवेदक की ही आय मान्य थी। सितंबर में नया शासनादेश जारी हो गया।

 

वहीं, जिला समाज कल्याण विभाग ने 20 अक्तूबर को कार्यशाला आयोजित कर जिले के सभी शिक्षण संस्थान के प्रतिनिधियों को इसके बारे में जानकारी दी थी। साथ ही यह भी कहा कि इस जानकारी को वह सभी विद्यार्थियों तक पहुंचाएं, लेकिन विद्यार्थियों को जानकारी नहीं दी गई।

दिसंबर के अंतिम सप्ताह में डीएसडब्ल्यू कार्यालय से विभागों को शासनादेश की जानकारी दी गई। जब तक यह सूचना विद्यार्थियों को दी जाती बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने आवेदन की हार्डकॉपी विभाग में जमा कर दिया। जनवरी के पहले सप्ताह में डीएसडब्ल्यू कार्यालय से बड़ी संख्या छात्रों के आवेदन वापस कर दिए गए। 22 को ही हार्डकाॅपी जमा करने की अंतिम तिथि भी थी।

जिन छात्रों को समय से जानकारी मिल गई उन्होंने पिता के नाम से प्रमाण पत्र बनवाकर नया आवेदन कर दिया। मगर, जानकारी के अभाव में बहुत से विद्यार्थी यह नहीं कर पाए। बताया जा रहा है कि ऐसे विद्यार्थियों की संख्या करीब तीन से चार हजार है। इसमें स्नातक, परास्नातक, बीएड के विद्यार्थी शामिल हैं। अब तिथि समाप्त होने के बाद परेशान विद्यार्थी कभी डीएसडब्ल्यू, कुलपति तो कभी समाज कल्याण विभाग में जाकर अपनी समस्या को बता रहे हैं।

कृषि में सबसे ज्यादा समस्या

कृषि एवं प्राकृतिक विज्ञान संस्थान के विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण कार्यालय पर प्रदर्शन भी किया था। छात्रों का कहना था कि उन्हें पहले यह सूचना नहीं दी गई कि आवेदन में पिता का आय प्रमाणपत्र देना पड़ेगा। जब समय खत्म हो गया तब जानकारी मिली। स्ववित्तपोषित कोर्स में फीस भी ज्यादा लगती है। ऐसे में छात्रवृत्ति नहीं आई तो उन्हें दिक्कत होगी। यही हाल विज्ञान संकाय और वाणिज्य संकाय के कई विभागों का है।

 

फर्जीवाड़ा रोकने के लिए बदले नियम

प्रदेश सरकार ने छात्रवृत्ति में गड़बड़ी को रोकने के लिए इस बार नियम में बदलाव किया कि आवेदन में आय प्रमाण पत्र में पिता की आय ही मान्य होगी। पहले जिन विद्यार्थियों के पिता इनकम टैक्स भरते थे वे भी अपने नाम से आय प्रमाणपत्र बनवाकर छात्रवृत्ति का लाभ उठा रहे थे। इसके अलावा कई कॉलेज फर्जी प्रवेश दिखाकर भी घोटाला करते थे। इसे रोकने के लिए सरकार ने इसमें बदलाव कर दिया।

 

कोट

शासनादेश के बारे में सभी शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधियों को बुलाकर 20 अक्तूबर को जानकारी दी गई थी। बावजूद, इसके कई संस्थानों ने विद्यार्थियों तक यह बात नहीं पहुंचाई गई। अब विद्यार्थियों ने अपने आय के साथ आवेदन कर दिया है तो आगे फॉरवर्ड नहीं हो सकता। कुछ विद्यार्थी अपनी समस्या लेकर आए थे, जिसके बाद डीएम के माध्यम से शासन को पत्र भेजकर आवेदन में सुधार करने की मांग की गई है।

 

वशिष्ठ नारायण सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी

समाज कल्याण विभाग से जानकारी मिलने के बाद सभी विभागों को यह सूचना दी गई थी कि वे विद्यार्थियों से पिता का आय प्रमाणपत्र ही जमा करवाएं। कुछ विभागों में विद्यार्थियों ने फिर भी अपने आय से आवेदन कर दिया। उनका फॉर्म आगे फॉरवर्ड नहीं हो सकता। समय रहते यह सूचना दी गई थी। जिन्होंने उसमें पंजीकरण किया उनका फॉर्म आगे फॉरवर्ड कर दिया गया।

– प्रो. अनुभूति दुबे, डीएसडब्ल्यू

बोले विद्यार्थी…

जब छात्रवृत्ति का फॉर्म आया था तभी हमने आवेदन कर दिया था। दिसंबर में विभाग में जमा भी हो गया। अब वहां से बताया जा रहा है कि इसमें पिता का आय प्रमाणपत्र लगेगा।

– हर्षित मालवीय

बीए-एलएलबी में 40 हजार रुपये हर साल की फीस है। यह सोच कर प्रवेश लिए कि छात्रवृत्ति आएगी। पहले फॉर्म जमा हो गया। अब विभाग से सूचना मिल रही है पिता के आय प्रमाणपत्र के साथ आवेदन करना है। पंजीकरण की डेट भी खत्म हो गई है।

– किशन मिश्रा

 

एक महीने पहले मैंने अपने नाम के आय प्रमाणपत्र के साथ आवेदन कर हार्ड कॉपी विभाग में जमा कर दिया था। अब दो दिन पहले ग्रुप में मैसेज आया कि अब सभी को पिता का आय प्रमाण पत्र देना होगा।

शिवम यादव

 

छात्रवृत्ति के भरोसे ही बीसीए में प्रवेश लिया था। पहले फॉर्म जमा भी कर लिया गया। अब अचानक से बोल रहे हैं कि पिता की आय का प्रमाणपत्र लेकर आओ। ऐसे में हम क्या करें। साल भर की फीस 30 हजार रुपये है। मेरी तो आगे की पढ़ाई में भी दिक्कत हो जाएगी।

-अभिषेक यादव

 

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