उत्तर प्रदेशलखनऊ

घर वही सूरत नई! सोसायटीज खुद भी बना रहीं रिडेवलपमेंट प्लान लेकिन DDA अधिकारी कर रहे खारिज

दिल्ली में इमारतों का कायापलट का दौर चल रहा है। ऐसे में आईपी एक्सटेंशन की कुछ कोऑपरेटिव ग्रुप हाउसिंग सोसायटियां अपना रीडिवेलपमेंट प्लान तैयार कर इसकी पहल भी चुकी हैं। हालांकि उनके प्लान को डीडीए ने एक सिरे से खारिज कर दिया है। जिसके बाद वहां रहने वाले लोग डीडीए से सवाल पूछ रहे हैं कि ऐसे कैसे सोसाइटी का रिडेवलपमेंट होगा?

नई दिल्ली: दिल्ली के पुराने इलाकों का रीडिवेलपमेंट करने की बातें आम लोगों साथ विभिन्न अथॉरिटी भी समय समय पर कर चुकी हैं। लेकिन आईपी एक्सटेंशन की कुछ कोऑपरेटिव ग्रुप हाउसिंग सोसायटियां अपना रीडिवेलपमेंट प्लान तैयार कर इसकी पहल भी चुकी हैं। यह अलग बात है कि विभागों ने इस प्लान को खारिज कर दिया। सोसायटियों के अनुसार यदि इन सोसायटियों को रीडिवेलप कर दिया जाए तो दिल्ली की कई समस्याएं हल हो सकती हैं। सोसायटियों के रीडिवेलपमेंट प्लान क्या है आइए देखते हैं।

आईपी एक्सटेंशन में 118 के करीब कोऑपरेटिव सोसायटीज हैं। यह सभी 25 से 35 साल पुरानी हो चुकी हैं। उस समय की जरूरत व प्लानिंग के समय में बनी यह सोसायटियां आज के समय की जरूरत को पूरा नहीं कर पा रही हैं। सोसायटियों की इसी कमी की वजह से ट्रैफिक जाम, अतिक्रमण, पानी, प्रदूषण, सीवरेज आदि की समस्या राजधानी में विकराल हो रही है।

ग्रीन बिल्डिंग बनेंगी

रीडिवेलपमेंट के तहत दिए गए विकल्प सोसायटी के प्लान में बताया गया था कि यह सोसायटियां पूरी तरह ग्रीन बिल्डिंग कॉन्सेप्ट पर होंगी। यानी सूरज की रोशनी का अत्यधिक इस्तमाल किया जाएगा इससे बिजली की कम जरूरत पड़ेगी। साथ ही सोसायटियों की छतों पर रूफ टॉप सोलर पावर प्लांट लगाए जाएंगे। जिसस हर सोसायटी अपनी बिजली खुद पैदा करेगी और अतिरिक्त बिजली सरकार को बेचेगी।सीवेज और वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट भी इन सोसायटियों में लगाए जाएंगे। अपना सीवेज यह सोसायटी खुद ट्रीट करेगी और फिर उसका इस्तेमाल फ्लश, बागवानी और गाड़ियों को धोने जैसे कामों में किया जाएगा। इसके लिए हर फ्लैट को दोहरे वॉटर कनेक्शन दिए जाएंगे एक डीजेबी और दूसरा ट्रीटेड पानी का।

हमने आईपी एक्सटेंशन की विकल्प सोसायटी को पायलट प्रोजक्ट के लिए चुना था। प्रपोजल बनाकर एमसीडी को सबमिट किया था। डीडीए ने इसे खारिज कर दिया। तो अब डीडीए ही रास्ता बता दे कि कोऑपरेटिव सोसायटियों का रीडिवेलपमेंट आखिर होगा कैसे? –

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