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अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने केंद्रीय मंत्री काे लिखा पत्र, सरकार हज से वंचित यात्रियों को दिलाये न्याय

लखनऊ। प्राइवेट हज यात्रियों के बड़ी संख्या में हज सफर पर न जा पाने से उत्पन्न स्थिति में सरकार से हस्तक्षेप की मांग की गई है। भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरण रिजीजू को लिखे पत्र में कहा है कि हज यात्रा- 2025 के लिए प्राइवेट टूर्स के खाते में 52,507 सीटें निर्धारित की गई थीं, सऊदी हुकूमत ने यह कोटा रद्द करते हुए सिर्फ 10 हजार का कोटा निर्धारित कर दिया। इससे बड़ी संख्या में हज यात्रियों को मायूस होना पड़ा।

उन्होंने कहा कि प्राइवेट टूर्स का कोटा रद्द होने के कारण 42, 507 हज यात्रियों का हज पर जाना मुश्किल में आ गया है। इस कारण से मुस्लिम समाज में बैचेनी का माहौल है। अक्षम प्राइवेट टूर्स ऑपरेटर की लापरवाही का खामियाज़ा हज यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। इसके पहले भी प्राइवेट टूर्स ऑपरेटर की वजह से हज यात्रियों को काफ़ी परेशानी होती रही है।

केन्द्रीय मंत्री रिजीजू को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि मुस्लिम समाज और स्वयं सेवी संस्था के लोगों का प्रतिनिधि मंडल मुझसे मिल रहा है और रद्द हुए 42, 507 हज यात्रियों के कोटे को वापस दिलाने की मांग कर रहा है, ताकि लोग अपना धार्मिक फ़र्ज़ हज़ अदा करने के लिए मक्का मदीना की यात्रा पर जा सकें। हज यात्रा जैसे पवित्र काम में लापरवाही करने वाले प्राइवेट टूर्स का कोटा हमेशा के लिए रद्द कर पूरा कोटा हज कमेटी को दे दिया जाए और गैर जिम्मेदार प्राइवेट टूर्स ऑपरेटर को जुर्माना लगाकर उनको ब्लैक लिस्ट किया जाए।

आल इंडिया उलमा एंड मशाइख बोर्ड के अध्यक्ष उमर फारुख ने कहा है कि इस बार कुल 52 हज़ार प्राइवेट हज यात्रियों को हज यात्रा पर जाना था जो हज कमेटी ऑफ़ इंडिया के इतर जाते हैं, लेकिन अपरिहार्य कारणों से कुल आवेदकों में से मात्र 10 हज़ार लोग ही हज सफ़र पर जा पा रहे हैं, क्योंकि इंटरनेशनल बैंक अकाउंट डिएक्टिव रहा और इसके कारण सऊदी अरब सरकार का हज यात्रा से रजिस्ट्रेशन संबंधित पोर्टल नुसुक (NUSUK) पर समय रहते पेमेंट न होने के कारण पंजीकरण नहीं हो सका और कुल 42 हज़ार लोग हज यात्रा से वंचित हो गए। उन्होंने कहा है कि सरकार सीधे सऊदी सरकार से बात करे तो हजयात्रियों को राहत मिल सकती है। सरकार को इस मामले में दोषी टूर आपरेटर्स के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए और उनका लाइसेंस निरस्त करना चाहिए।

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