राजकीय पशु अस्पताल उपकेंद्र पारा के बंद रहने की ग्रामीणों ने की शिकायत

ब्यूरो चीफ हमीरपुर
हरीशराज चक्रवर्ती
हमीरपुर। विकास खंड कुरारा के पारा गांव में स्थित राजकीय पशु अस्पताल उपकेंद्र कई वर्ष से केवल अभिलेखों में संचालित हो रहा है। उपकेंद्र में तैनात पशुधन प्रसार अधिकारी द्वारा एक भी दिन केन्द्र मे न जाने के बावजूद उनका वेतन निर्गत किया जा रहा है। ग्रामीण अपने पशुओं के इलाज के लिए प्राइवेट चिकित्सक का सहारा ले रहे हैं। जिला पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा भी ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा नहीं किया जा रहा है। ऐसे ही आरोप लगाकर ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से इसकी जांच कराए जाने की मांग की है।
कुरारा के राजकीय पशु चिकित्सालय से संबद्ध पारा गांव में राजकीय पशु अस्पताल उपकेंद्र संचालित है। इसमें एक कर्मचारी की तैनाती लगभग पांच वर्ष से है। लेकिन यह कर्मचारी कभी उपकेंद्र में नहीं जाता है। ऐसे में पारा, कंडौर, शंकरपुर, जल्ला आदि के ग्रामीणों को पशुओं के इलाज की सुविधा नहीं मिल पा रही है। ग्राम प्रधान पारा संतोष कुमार ने बताया कि गांव में प्राथमिक विद्यालय के पास राजकीय पशु अस्पताल उपकेंद्र बना हुआ है। पशुओं के इलाज के लिए लोहे के पाइप से कटघरा भी बनाया गया है। जिसमे खड़ा करके पशुओं का इलाज किया जाता है। साथ ही एक कमरे में इनका अस्पताल संचालित है। लेकिन इसका ताला कभी नहीं खोला जाता है।
ग्रामीणों ने बताया कि करीब सात वर्ष पहले एक चिकित्सक की तैनाती हुई थी तब वह नियमित अस्पताल में आकर बैठते थे तथा पशुओं का इलाज करते थे। लेकिन अब किसकी तैनाती है यह गांव वालो को पता ही नहीं है। अब यह उपकेंद्र केवल अभिलेखों में संचालित हो रहा है। जिससे पारा, कंडोर आदि गांवों में संचालित अन्ना पशु आश्रय स्थल में संरक्षित किए गए पशुओं के टैगिंग का कार्य भी नही हो पा रहा है तथा पशुओं के इलाज की सुविधा नहीं मिल पा रही है। पशुपालक मोहन सिंह, केके दीक्षित, महादेव, रामलाल आदि ने बताया कि पशुओं के बीमार होने पर प्राइवेट चिकित्सक से इलाज कराने को मजबूर होना पड़ रहा है तथा इलाज के नाम पर धनराशि खर्च करने को मजबूर हो रहे हैं। क्षेत्र के पशुपालकों ने जिलाधिकारी सहित
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी से इस प्रकरण की जांच कराए जाने की मांग की है।