उत्तर प्रदेशलखनऊ

सऊदी अरब में अब मस्जिदों के अंदर नहीं होगा इफ्तार, प्रिंस सलमान ने लगाया प्रतिबंध

सऊदी अरब की मस्जिदों के अंदर रमजान के दौरान इफ्तार पार्टी देने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह आदेश पवित्र महीने में मस्जिदों को साफ रखने के उद्देश्य से जारी किया गया है। आदेश में इमामों को नमाज के दौरान उपदेश को छोटा करने को भी कहा गया है।

रियाद: सऊदी अरब ने मस्जिदों के अंदर इफ्तार परोसने पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह आदेश सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अल सऊद की आज्ञा के बाद जारी किया गया है। अब नए आदेश के अनुसार, रमजान के दौरान पूरे देश की मस्जिदों के अंदर इफ्तार पार्टी नहीं हो सकेगी। आदेश में कहा गया है कि मस्जिदों के इमामों को आगामी पवित्र महीने के दौरान उपासकों को इफ्तार कराने के लिए दान इकट्ठा करने से भी रोक दी गई है। यह कदम इस्लामिक मामलों मंत्रालय के रमजान से जुड़े उपायों का हिस्सा हैं।

मस्जिदों को साफ रखने का दिया गया निर्देश

मंत्रालय ने मस्जिदों को साफ रखने के लिए अंदर इफ्तार परोसने पर प्रतिबंध लगा दिया और निर्देश दिया कि भोज कंपाउंड में एक पहले से तय किए गए स्थान पर आयोजित किया जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त, नमाज के दौरान इमाम की फिल्म बनाने के लिए मस्जिदों के अंदर कैमरों के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध रहेगा या विभिन्न मीडिया के माध्यम से प्रार्थना प्रसारित करने और प्रसारित करने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।

  1. इमामों से लंबा उपदेश देने से बचने को भी कहा गया

इस बीच, इमामों से तरावीह की नमाज को लंबा करने से बचने और उपासकों के लिए लाभकारी उपदेश देने का आग्रह किया गया, विशेष रूप से उपवास के नियमों और रमजान के पवित्र महीने की खूबियों पर प्रकाश डालने वाले उपदेशों से बचने को कहा गया है। सऊदी अरब अपने देश की छवि एक कट्टरपंथी मुल्क से बदलना चाहता है। इसका प्रमुख कारण प्रिंस सलमान की नई आर्थिक नीति है, जिसके जरिए वह 2030 तक सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था की तेल से निर्भरता को हटाना चाहते हैं।

काहिरा: गाजा में चल रही लड़ाई ने पड़ोसी देश मिस्र को गहरे आर्थिक संकट में डाल दिया है। पहले से ही मुश्किल का सामना कर रहे मिस्र की अर्थव्यवस्था गाजा पर इजरायल के हमले और लाल सागर में बढ़ते तनाव की वजह से नाजुक हालात में पहुंच गई है। मिस्र की अर्थव्यवस्था इस समय सार्वजनिक कर्ज के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 90 प्रतिशत तक बढ़ जाने और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले मुद्रा की गिरावट से जूझ रहा है। गाजा में जंग के चलते ये चुनौतियां और ज्यादा जटिल हो गई हैं। गाजा में चल रहा युद्ध अब मिस्र की सीमा के करीब रफाह तक पहुंच गया है। इजराइल के चार महीने से जारी हमलों की वजह से गाजा की ज्यादातर आबादी विस्थापित होकर पहले ही रफाह में आ चुकी है। रफाह पर अब इजरायल के हमले ना सिर्फ गाजा के हालात को भयावह बना देंगे बल्कि साथ ही साथ इसका मिस्र पर भी फर्क पड़ेगा।

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