100-120 की स्पीड से चल रहीं शताब्दी-राजधानी ट्रेने दिल्ली पहुंचते ही क्यों हो जाती हैं धीमी? ये है वजह

शताब्दी, राजधानी, दूरंतो जैसी प्रीमियम ट्रेनें खूब स्पीड पर चलती हैं, लेकिन राजधानी दिल्ली पहुंचते ही स्पीड धीमी होने लगती हैं और कई बार आउटर में खड़ी हो जाती हैं. इस वजह से स्टेशन पर भी तय समय से देरी से पहुंचती हैं. क्या आप इसके पीछे का कारण जानते हैं? चलिए हम बताते हैं..
.Why train slow before reaching Delhi. दूसरे शहरों से 100-120 की स्पीड से आने वाली शताब्दी, राजधानी, दूरंतो जैसी प्रीमियम ट्रेनें दिल्ली सीमा पहुंचते ही क्यों धीमी होने लगती हैं. कई बार आउटर में खड़ी हो जाती हैं और इस वजह से स्टेशन पर भी निर्धारित समय से देरी से पहुंचती हैं. यानी पूरे रास्ते समय पर चली ट्रेन यहां आकर लेट हो जाती है. इसकी वजह क्या है, उन्हें आउटर पर क्यों रोका जाता है, दिल्ली सीमा में आते ही स्पीड कम क्यों हो जाती है? यहां विस्तार से जानें
इस संबंध में उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार बताते हैं कि दिल्ली के सभी स्टेशनों से रोजाना करीब 350 ट्रेनों का संचालन होता है. इसमें ज्यादातर ट्रेनें शाम को यहां से रवाना होती हैं और सुबह आती हैं. स्टेशनों से करीब 6 लाख लोगों का आवागमन होता है. इनमें से तमाम लोग सुबह ड्यूटी करने आते हैं और शाम को वापस चले जाते हैं. इन सभी को सुविधाजनक यात्रा कराना रेलवे की जिम्मेदारी है.
मुख्यत: दो कारणों से दिल्ली पहुंचने पर ट्रेन धीमी या प्लेटफार्म पर लेट पहुंचती हैं. पहला कारण ट्रैक से क्रॉस ओवर होता है. रेलवे स्टेशनों के आसपास यार्ड होते हैं और यहां पर ट्रेन क्रॉस ओवर करती है. इसमें ट्रेन की स्पीड 30 किमी. प्रति घंटे की तय होती है. इससे अधिक स्पीड से ट्रेन नहीं चलती है. इस तरह 24 कोच की ट्रेन को 30 किमी. की स्पीड में क्रॉस ओवर करने में 3 से 5 मिनट लगते हैं. इस वजह से यहां पर स्पीड धीमी हो जाती है.
वहीं, दूसरा कारण प्लेटफार्म होता है. दिल्ली में तमाम लोग ड्यूटी करने के लिए आते हैं, इसलिए रेलवे की प्राथमिकता रहती है कि ट्रेन को उसी प्लेटफार्म में लगाया जाए, जहां पर रोज लगती है. उदाहरण के लिए नई दिल्ली में 16 प्लेटफार्म हैं, एक साथ दो ट्रेन आउटर पर पहुंच गईं. पहले एक ट्रेन को तय प्लेटफार्म में लगाया जाएगा, उसके जाने के बाद दूसरी ट्रेन को उसी प्लेटफार्म में लगाया जाएगा. इस तरह कई बार आउटर पर समय से आई ट्रेन को को इंजार करना पड़ता
स्टेशन प्रबंधक करता है फैसलाकिस ट्रेन को आउटर पर रोक दिया जाए और किसे प्लेटफॉर्म पर लाया जाए, इसका फैसला स्टेशन प्रबंधक करता है. स्टेशन प्रबंधक यह फैसला इस आधार पर लेता है कि कौन सी ट्रेन पहले से लेट चल रही है. कोशिश की जाती है कि जो ट्रेन पहले से लेट हो गई है उसे रोककर टाइम पर चल रही ट्रेनों को प्लेटफार्म पर पहुंचाया जाए. उदाहरण के लिए किसी एक्सप्रेस या सुपरफास्ट ट्रेन के साथ आउटर पर शाताब्दी, राजधानी या अन्य प्रीमियम ट्रेन पहुंचती है तो पहले प्रीमियम ट्रेन को निकाला जाएगा.
स्टेशन प्रबंधक करता है फैसलाकिस ट्रेन को आउटर पर रोक दिया जाए और किसे प्लेटफॉर्म पर लाया जाए, इसका फैसला स्टेशन प्रबंधक करता है. स्टेशन प्रबंधक यह फैसला इस आधार पर लेता है कि कौन सी ट्रेन पहले से लेट चल रही है. कोशिश की जाती है कि जो ट्रेन पहले से लेट हो गई है उसे रोककर टाइम पर चल रही ट्रेनों को प्लेटफार्म पर पहुंचाया जाए. उदाहरण के लिए किसी एक्सप्रेस या सुपरफास्ट ट्रेन के साथ आउटर पर शाताब्दी, राजधानी या अन्य प्रीमियम ट्रेन पहुंचती है तो पहले प्रीमियम ट्रेन को निकाला जाएगा
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