उत्तर प्रदेशलखनऊ

India-Bangladesh: भारत-बांग्लादेश के सीमा बलों के अधिकारियों की बैठक, जवानों पर हुए हमलों को रोकने पर जोर

सार

सीमा सुरक्षा बल के प्रतिनिधिमंडल ने ढाका के पिलखाना स्थित बीजीबी मुख्यालय में 5-9 मार्च के बीच आयोजित इस वार्ता के 54वें संस्करण के लिए बांग्लादेश की यात्रा की। दोनों पक्ष मानव तस्करी के पीड़ितों की सहायता करने और देश के कानून के मुताबिक जल्द से जल्द उनके बचाव और पुनर्वास की सुविधा प्रदान करने पर भी सहमत हुए।

विस्तार

सीमा सुरक्षा बल(बीएसएप) और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश(बीजीबी) के बीच द्वि-वार्षिक महानिदेशक (डीजी) स्तर की वार्ता चर्चा के रिकॉर्ड पर हस्ताक्षर किए गए। बैठक में बांग्लादेश के साथ लगी 4,096 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ कर्मियों पर हमले की घटना को रोकने के लिए संयुक्त प्रयास करने पर सहमति बनीं।

बांग्लादेश सीमा से जुड़े मुद्दों पर वार्ता में चर्चा

भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने ढाका के पिलखाना स्थित बीजीबी मुख्यालय में 5-9 मार्च के बीच आयोजित इस वार्ता के 54वें संस्करण के लिए बांग्लादेश की यात्रा की। बीजीबी डीजी मेजर जनरल मोहम्मद अशरफुज्जमां सिद्दीकी ने बांग्लादेशी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। बीएसएफ के एक प्रवक्ता ने कहा कि इस बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने उस एजेंडे को आगे बढ़ाया जिसके लिए दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व ने एक स्थायी और पारस्परिक रूप से मजबूत रिश्ते की नींव रखी थी।

बीएसएफ कर्मियों पर हमले की घटनाओं को उठाया गया

बांग्लादेश स्थित सीमा पार अपराधियों और बदमाशों द्वारा बीएसएफ कर्मियों पर हमले की घटनाओं पर, दोनों पक्ष विशेष रूप से देर रात से सुबह के दौरान गश्त बढ़ाकर ऐसी घटनाओं को कम करने के लिए संयुक्त प्रयास करने पर सहमत हुए। प्रवक्ता ने कहा कि दोनों पक्ष मानव तस्करी के पीड़ितों की सहायता करने और देश के कानून के मुताबिक जल्द से जल्द उनके बचाव और पुनर्वास की सुविधा प्रदान करने पर भी सहमत हुए।

विकास कार्यों के स्वीकृत डिजाइन को साझा करने पर सहमत

प्रवक्ता ने कहा कि दोनों देश की ओर से विकास कार्यों के स्वीकृत डिजाइन को साझा करने पर भी सहमत हुए। उन्होंने कहा कि बीएसएफ ने सीमा पार स्थित तमाबिल और सिलहट में उस देश के शहीद स्वतंत्रता सेनानियों की स्मारकों के संरक्षण के लिए निर्माण के बीजीबी प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की।

 

गौरतलब है कि बीएसएफ ने बांग्लादेश में भारतीय विद्रोही समूहों के खिलाफ कार्रवाई, सीमा बुनियादी ढांचे से संबंधित मुद्दों, समन्वित सीमा प्रबंधन योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए संयुक्त प्रयासों, विश्वास निर्माण उपायों और अन्य विविध गतिविधियों के संबंध में कुछ अन्य मुद्दे सामने रखे थे।

 

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