सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग में ताइवान-चीन का दबदबा खत्म करने को तैयार भारत, जानिए क्या है सरकार का पूरा प्लान

सेमीकंडक्टर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज का अहम हिस्सा होते हैं। इनका इस्तेमाल कार से मोबाइल फोन और यहां तक कि वॉशिंग मशीन में भी होता है। सेमीकंडक्टर की मैन्युफैक्चरिंग पर फिलहाल ताइवान दक्षिण कोरिया और चीन का दबदबा है। अब भारत ने इस सेक्टर में अपना दबदबा बनाने की योजना बनाई है और इसके लिए वह 10 अरब डॉलर का निवेश कर रहा है।
नई दिल्ली। भारत सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग (Semiconductor Manufacturing) के मामले में दूसरे देशों पर निर्भरता घटाना चाहता है। यही वजह है कि सरकार नए प्लांट लगाने के लिए 10 अरब डॉलर की प्रोत्साहन राशि दे रही है।
आईटी और दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) का कहना है कि इससे भारत में बेहतरीन डिजाइन वाले सेमीकंडक्टर तैयार हो सकेंगे और इस सेक्टर में ताइवान, दक्षिण कोरिया और चीन का दबदबा कम होगा। उन्होंने कहा कि अगले 5 साल में चिपमेकर्स की दुनिया का बड़ा खिलाड़ी बन जाएगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत ने कभी शानदार पॉलिसीज बनाई हैं, जो मैन्युफैक्चरर्स को भारत में नए फैब्स (सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन प्लांट्स) लगाने और इस सेक्टर में निवेश बढ़ाने के लिए लुभा रही हैं।