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लैंगिक अस्मिता : विविधता के संवादी रंग ” विषयक राष्ट्रीय कार्यशाला का काशी विद्यापीठ शिक्षा संकाय में हुआ आयोजन।

इस कार्यशाला में ट्रांसजेंडर (एलजीबीटी) समुदाय के सामने आने वाली चुनौतियों, संवैधानिक अधिकार और कानून की सविस्तार जानकारी दी गयी।

रजनीश कुमार प्रजापति ब्यूरो चीफ (जस्ट एक्शन) गाजीपुर l

 

ट्रांसजेंडर सेल, काशी विद्यापीठ,वाराणसी

आज दिनांक 02-12-2023 को शिक्षा संकाय काशी विद्यापीठ के सभागार में ट्रांसजेंडर सेल काशी विद्यापीठ और बनारस क्वीर प्राइड, वाराणसी के संयुक्त तत्वाधान में एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमे फिल्म प्रदर्शन , नाटक और ट्रांसजेंडर (एलजीबीटी) समुदायों की पारिवारिक, सामाजिक, आर्थिक एवं राजनैतिक समस्यायों पर गहन चर्चा की गई। इस राष्ट्रीय

कार्यशाला में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, काशी हिंदू विश्वविद्यालय एवं विद्यापीठ से सम्बद्ध महाविद्यालयों के विद्यार्थी, शिक्षक, बुद्धिजीवी, सामाजिक कार्यकर्ता और एलजीबीटी समुदाय की भागीदारी रही।

इस कार्यशाला में ट्रांसजेंडर (एलजीबीटी) समुदाय के सामने आने वाली चुनौतियों, संवैधानिक अधिकार और कानून की सविस्तार जानकारी दी गयी।

जेंडर क्या है ? जेंडर आधारित हिंसा क्या है ? यौनिकता और मानसिक स्वास्थ्य क्या हैं ? और ये सभी मुद्दे किस प्रकार से आपस में जुड़े हुए हैं? जैसे जरूरी सवालों पर समझ बनाने के उद्देश्य से आयोजित आज की कार्यशाला काफी सफल रही।

इस कार्यशाला में हमसफर संस्था, लखबऊ से आए नॉन बाइनरी ट्रांसजेंडर ऋत्विक ने समुदाय के अब तक के संघर्षों और उससे मिले कानूनी अधिकार की बात करते हुए आज भी समाज द्वारा मिलने वाले नफ़रत, भेद भाव और तिरस्कार के मुद्दे पर विषद चर्चा की।

नई दिल्ली से पधारे दलित ट्रांसमैन कबीर मान ने जेंडर के शोषण और संघर्ष में दलित होने पर तकलीफ के दोगुने होने के आयाम पर बात रखी। प्रो० संजय पूर्व विभागाध्यक्ष एवं संकायाध्यक्ष, सामाज कार्य संकाय, एवं समन्वयक, ट्रांसजेंडर सेल,  काशी विद्यापीठ ने ट्रांसजेंडर सेल की स्थापना में माननीय कुलाधिपति एवं राज्यपाल उत्तर प्रदेश श्रीमती आनंदीबेन पटेल एवं कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी के योग एवं दूरदर्शी सोच पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इस सेल का उद्देश्य अकादमिक संस्थानों को जेंडर संवेदनशील विशेषकर ट्रांसजेंडर विद्यार्थोयों हेतु इस संस्था के माहौल को संवेदनशील बनाना एवं एल जी बी टी समुदाय के विद्यार्थियों के पंजीकरण को प्रोत्साहित करना है।साथ ही उनको कैरियर उन्मुखी एवं कुशल बनानें हेतु कार्यशालाओं एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करना है।

जेंडर आइडेंटिटी नामक शार्ट फिल्म में जेंडर को सामाज द्वारा गढ़े गए विचार के रूप में समझाया गया। फिल्म ने प्रतिभागियों को महिला-पुरुष की दो ही श्रेणियों तक सीमित जेंडर की अवधारणा पर सवाल उठाने के लिए सोचने पर प्रोत्साहित की। फिल्म के बाद एक नाटक का मंचन भी हुआ। नाटक और फिल्म प्रदर्शन पश्चात गहन चर्चा की गई। सेल के सह समन्वयक प्रो. अनुराग कुमार ने साहित्य में ट्रांसजेंडर के विषय पर किये जा रहे कार्यों पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम में सेल की सदस्य प्रो. रेखा, विभागाध्यक्ष, समाज शास्त्र,

प्रो. सुरेन्द्र राम – विभागाध्यक्ष, शिक्षा संकाय, प्रो. शैलेन्द्र कुमार वर्मा – पूर्व विभागाध्यक्ष, शिक्षा संकाय , प्रो. रमाकान्त सिंह, श्रीमती ज्योत्सना आदि प्रमुख रहे।

फिल्म प्रदर्शन चर्चा आदि के बाद कार्यशाला के समापन के समय समुदाय के लोगों ने टैलेंट हंट नामक एक प्रस्तुति की। इस कार्यक्रम में समुदाय के लोग मंच पर सामने खड़े होकर नृत्य गीत आदि का प्रदर्शन किये।

कार्यशाला का सफल संचालन शिवांगी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रो. संजय ने किया।

कार्यशाला में छात्रों के अतिरिक्त प्रिज्मैटिक फाउंडेशन, एशियन ब्रिज इण्डिया, उमाकांत सर्विस फाउंडेशन, वाई पी फाउंडेशन और दख़ल संगठन के सदस्यों की महती भूमिका रही। आपके साथ ही दीक्षा, अनुज, च्न्द्रमाल्लिका, परीक्षित, अनन्या, अंकित,वैभव, श्रेय्जल, आर्या, हिजड़ा समुदाय से सानिया, विशाखा, संजू, रागिनी और सानिया रही की भूमिका विशिष्ट रही।

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