यूपी की 80 लोकसभा सीटों का लेटेस्ट सर्वे, देखिए कैसे बदला अखिलेश यादव का पूरा समीकरण

सीटों के लिहाज से देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में भी सियासी गर्मियां तेज हैं. कहते हैं कि सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर निकलता है.
चुनाव आयोग अगले कुछ दिनों में लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है. इसके लिए देश की सभी राजनीतिक पार्टियों ने तैयारी तेज कर दी है. सीटों के लिहाज से देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में भी सियासी गर्मियां तेज हैं. कहते हैं कि सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर निकलता है. ऐसे में एक बार फिर यूपी फतेह करने के लिए सभी पार्टियां जी-जान लगा रही हैं. चुनावी बिसात पर हार जीत के खेल से पहले यूपी Tak ने आपके लिए ताजा ओपिनियन पोल और पहले के सर्वे के आंकड़ों की तुलना की है. आप सिलसिलेवार तरीके से जानिए यूपी में कैसे बदली है तस्वीर.
लोकसभा चुनाव को लेकर ताजा सर्वे टाइम्स नाउ नवभारत ने किया है. ETG रिसर्च के साथ टाइम्स नाउ नवभारत ने लोकसभा चुनाव को लेकर जो सर्वे किया है उसमें उत्तर प्रदेश को लेकर भी आंकड़े सामने आए हैं. टाइम्स नाउ नवभारत ने सर्वे की माने तो उत्तर प्रदेश में भाजपा गठबंधन वाली NDA को इस लोकसभा चुनाव में बंपर जीत मिलने वाली है. सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक यूपी के 80 लोकसभा सीटों में से NDA 72 से 78 सीटों पर जीत हासिल कर सकती है. वहीं इंडिया गठबंधन, जिसमें सपा और कांग्रेस शामिल है उसमें उसे 2 से 6 सीट मिलने का अनुमान है. वहीं मायावती की बसपा 0 से 1 सीट पर सिमट सकती है.
इंडिया टीवी और सीएनएक्स के सर्वे से क्या पता चला?
आपको बता दें कि इस ओपिनियन पोल में भाजपा की बंपर जीत का अनुमान जताया गया है. इसके मुताबिक, भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को 80 में से 78 सीटों पर जीत मिल सकती है. समाजवादी पार्टी को 2 सीटों पर जीत मिलने का अनुमान है. इस ओपिनियन पोल में कांग्रेस और बसपा का खाता खुलता भी नजर नहीं आ रहा है
गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा के गठबंधन के सभी अंकगणित को गलत साबित हुए थे. तब भाजपा और उसके सहयोगी अपना दल (एस) ने गठबंधन सहयोगियों को ध्वस्त करते हुए 80 लोकसभा सीटों में से 64 सीटें जीती थीं. वहीं, सपा को 5 और बसपा को 15 सीटें मिली थीं. कांग्रेस ने राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश में सोनिया गांधी की एकमात्र रायबरेली सीट जीती थी.