जौनपुर के लाल विशाल सिंह बने उत्तर प्रदेश के नए सूचना निदेशक

- योगी सरकार ने प्रशासनिक फेरबदल में दी बड़ी जिम्मेदारी
जौनपुर। उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार की देर रात प्रशासनिक स्तर पर बड़ा बदलाव करते हुए 33 आईएएस अधिकारियों का तबादला किया। इस फेरबदल में जौनपुर वासियों के लिए गौरव का क्षण तब आया जब जिले के मूल निवासी विशाल सिंह को उत्तर प्रदेश का नया सूचना निदेशक नियुक्त किया गया। इस पद की जिम्मेदारी पूर्व में शिशिर के पास थी।
जैसे ही यह खबर आई, जौनपुर में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। पत्रकार, बुद्धिजीवी और शुभचिंतक इस उपलब्धि को जिले की एक बड़ी सफलता मान रहे हैं।
साधारण परिवार से लेकर प्रशासनिक शिखर तक का प्रेरणादायक सफर
1973 में जौनपुर के एक साधारण परिवार में जन्मे विशाल सिंह ने वाराणसी के संत अतुलानंद अकादमी और यूपी कॉलेज से अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी की। वर्ष 1995 में उन्होंने मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गोरखपुर से कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया और 1998 में आईएमएस गाजियाबाद से एमबीए की डिग्री हासिल की।
पीसीएस से वरिष्ठ सलाहकार तक का प्रभावशाली कार्यकाल
वर्ष 2000 में उन्होंने पीसीएस के रूप में प्रशासनिक सेवाओं में प्रवेश किया और उत्तराखंड के रुड़की व काशीपुर में एसडीएम के रूप में काम किया। 2006 में वह भारत सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में वरिष्ठ सलाहकार बने, जहाँ उन्होंने UIDAI और राष्ट्रीय डेटा केंद्र जैसी अहम परियोजनाओं में योगदान दिया।
तकनीक और प्रशासन का संयोजन
विशाल सिंह का प्रशासनिक अनुभव अनेक जिलों में फैला है, जिनमें गाजियाबाद, नोएडा, मेरठ, प्रयागराज, बिजनौर, वाराणसी और अयोध्या शामिल हैं। वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के सीईओ रहते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके कार्यों की सराहना की थी। वहीं अयोध्या में नगर आयुक्त रहते हुए उन्होंने श्रीराम की नगरी को विश्वस्तरीय आध्यात्मिक केंद्र के रूप में विकसित करने में अग्रणी भूमिका निभाई।
अंतरराष्ट्रीय शिक्षा और वैश्विक दृष्टिकोण
उनकी अंतरराष्ट्रीय शिक्षा भी उनके अनुभव को और समृद्ध करती है। उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से शेवनिंग स्कॉलरशिप के तहत नेतृत्व प्रशिक्षण प्राप्त किया और यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड (यूएसए) से पब्लिक पॉलिसी व मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री प्राप्त की। इसके साथ ही उन्होंने पेरू में स्थिरता एवं पारिस्थितिकी पर्यटन और ईरान में MSME पर आयोजित सम्मेलनों में भी भाग लिया।
भदोही में जिलाधिकारी रहते हुए नवाचार
2024 में भदोही के जिलाधिकारी नियुक्त होने के बाद उन्होंने जिले के औद्योगिक विकास में नई जान फूंकी। भदोही औद्योगिक विकास प्राधिकरण की कमान संभालते हुए उन्होंने स्थानीय उद्योगों को आर्थिक विकास का केंद्र बनाने की दिशा में उल्लेखनीय काम किया।
शिक्षा और समाज सेवा के लिए समर्पित
शिक्षा के प्रति उनके झुकाव ने उन्हें IMT नागपुर और सिंगापुर के SP जैन मैनेजमेंट इंस्टिट्यूट में अतिथि व्याख्याता के रूप में छात्रों से जुड़ने का अवसर दिया। उनके पिता डॉ. (लेफ्टिनेंट) राज सिंह और माता श्रीमती विद्या सिंह हैं। पत्नी डॉ. दिव्या सिंह और पुत्र आदित्य राज सिंह का साथ उन्हें हमेशा मिला।
संत अतुलानंद वाराणसी का लोकप्रिय विद्यालय है जिसका संचालन उनके भाई राहुल सिंह करते हैं, इनके पिता डॉ राज सिंह मूल रूप से जौनपुर जिले के कूहीं कला गांव के रहने वाले थे। ग्रामीणों ने उनकी उपलब्धि पर खुशी जाहिर की है और बधाई दी है।