Meerut News: मेरठ महायोजना-2031 को मंजूरी मिलते ही मेरठ शहर की तस्वीर बदली हुई नजर आएगी। यही नहीं दो हजार करोड़ रुपये के निवेश का रास्ता भी खुलेगा।

मेरठ महायोजना-2031 को मुख्यमंत्री की मंजूरी मिलते ही अब शहर में विकास का पहिया तेजी से घूमेगा। महायोजना में कॉमर्शियल, ऑफिस, अर्द्धसरकारी व होलसेल मार्केट के लिए भी अलग से क्षेत्रफल निश्चित किया गया है। वहीं, इन्वेस्टर्स समिट के अंतर्गत अब दो हजार करोड़ रुपये के निवेश का रास्ता भी खुलेगा। उद्यम लगाने को लेकर सबसे ज्यादा 72 आपत्तियों का निस्तारण महायोजना में हुआ है। ऐसे में निवेश बढ़ेगा और उद्यम से रोजगार के अवसर भी सुलभ होंगे। रैपिड कॉरीडोर का भू-उपयोग मिश्रित है। ऐसे में इस क्षेत्र में मेडा से तो नक्शा पास कराना ही होगा एनसीआरटीसी से भी अनापत्ति प्रमाणपत्र लेना होगा।
महायोजना लागू होते ही 1500 करोड़ के प्रस्ताव जमीन पर उतरेंगे
महायोजना के लागू होने के साथ ही 1500 करोड़ रुपये के कुल 82 प्रस्ताव में निवेश जमीन पर उतरता दिखेगा। मेडा ने महायोजना-2021 के 32 प्रस्ताव लिए हैं, जो यूपी समिट में शामिल हुए थे। इनकी कीमत 550 करोड़ रुपये के करीब है। ऐसे ही महायोजना-2021 में जहां इंडस्ट्रीयल क्षेत्रफल 1641.47 हेक्टेयर था तो अब इसे बढ़ाकर 2820.86 हेक्टेयर कर लिया गया है।
इन्वेस्टर्स समिट में आए इनमें से तीन प्रपोजल की कीमत ही 450 करोड़ रुपये आंकी गई है। मेडा के बोर्ड के पास महायोजना के अंतर्गत इंवेस्टर्स समिट से जुड़े 500 करोड़ के आठ प्रस्ताव भी आए हैं, इन पर भी मामला अंतिम चरण में है।
गांवों में बनेंगे क्लस्टर, बढ़ेगा रोजगार
महायोजना के तहत शहर के साथ ही देहात में भी विकास कार्य होंगे। इसके लिए मुजफ्फरपुर सैनी और फिटकरी गांव में इंडस्ट्रीयल क्लस्टर बनाए जाने हैं। इसे महायोजना में शामिल किया गया है। इससे जहां गांव देहात का हुनर निखरेगा तो वहीं आर्थिक समृद्धि भी आएगी। परतापुर और मोदीपुरम में स्पेशल डवलपमेंट एरिया एसडीए प्रस्तावित है।
परतापुर-भूड़बराल में यह 288.79 हेक्टेयर और मोदीपुरम में 457.06 हेक्टेयर में यह बनेंगे। रियल एस्टेट डवलपर्स एसोसिएशन के महामंत्री कमल ठाकुर कहते हैं कि टीओडी पॉलिसी से व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। निवेश तो बढ़ेगा ही, आसपास के क्षेत्रों के लोग भी मेरठ में रिहाइश बनाएंगे।
ये है टीओडी पॉलिसी
-आरआरटीएस कॉरीडोर के डेढ़ किमी. की परिधि और आरआरटीएस स्टेशन के 500 मीटर दोनों ओर का क्षेत्र इसके अंतर्गत आएगा।
-परतापुर व मोदीपुरम दोनों छोर पर स्पेशल डवलपमेंट एरिया होगा, जबकि स्टेशन पर इंफ्लुएंस जोन होंगे। इन क्षेत्रों में व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया गया है। मिश्रित भू-उपयोग के अंतर्गत काम होंगे।
ये हैं टीओडी के सात जोन
जोन-1 : 179 हेक्टेयर
जोन-2 : 324 हेक्टेयर
जोन-3 : 397 हेक्टेयर
जोन-4 : 423 हेक्टेयर
जोन-5 : 344 हेक्टेयर
जोन-6 : 553 हेक्टेयर
जोन-7 : 222 हेक्टेयर
ऐसे बढ़ा कॉमर्शियल लैंड यूज
कॉमर्शियल : 727.76 हेक्टेयर
ऑफिस : 411.4 हेक्टेयर
होलसेल मार्केट : 23.39 हेक्टेयर
सरकारी व अर्द्धसरकारी कार्यालय : 34.7 हेक्टेयर
रैपिड कॉरीडोर से बदलेगी शहर की तस्वीर
रैपिड कॉरीडोर को एनसीआरटीसी के सुझाव पर मिश्रित भू-उपयोग की श्रेणी में रखा गया है। इन क्षेत्रों में मेडा नक्शा पास करेगा। टीओडी नीति के तहत एनसीआरटीसी से भी कुछ मामलों में आवंटी को अनापत्ति प्रमाणपत्र लेना होगा। कॉरीडोर पर एसडीए और आइजेड से शहर में व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ेंगी और बूम आएगा। -विजय कुमार सिंह, नगर नियोजक मेडा