Lucknow News: एडीजी के फर्जी हस्ताक्षर कर सिपाहियों का ट्रांसफर आदेश जारी करने वाला बाबू जांच में दोषी

लखनऊ। एडीजी जोन के फर्जी हस्ताक्षर कर सिपाहियों का तबादला आदेश जारी करने वाला बाबू विभागीय जांच में दोषी पाया गया है। हरदोई के एएसपी ने जांच पूरी कर रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंप दी है। अब विभागीय कार्रवाई की जाएगी। बर्खास्तगी तक हो सकती है।
तत्कालीन एडीजी जोन लखनऊ पीयूष मोर्डिया के फर्जी हस्ताक्षर कर तीन सिपाहियों का तबादला आदेश जारी किया गया था। इसमें उन्नाव में तैनात सिपाही विजय बहादुर यादव का अंबेडकरनगर, रायबरेली में तैनात संजय कुमार का बाराबंकी व अयोध्या में तैनात हरि मिश्र का तबादला सीतापुर करने संबंधी आदेश जारी किया गया था।
मामला संज्ञान में आने पर वर्तमान एडीजी जोन अमरेंद्र कुमार सेंगर के आदेश पर जोन कार्यालय में तैनात बाबू विनोद कुमार सिंह पर गौतमपल्ली थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। विनोद सिंह को निलंबित कर दिया गया था। प्रकरण की विभागीय जांच एएसपी हरदोई नृपेंद्र को सौंपी गई थी। जांच में आरोपी बाबू के खेल की पुष्टि हुई। इसके आधार पर उसको दोषी बनाया गया है।
आखिर क्यों किया ये सवाल बरकरार
बाबू के इस फर्जीवाड़े के पीछे दो आशंकाएं थीं। पहली ये कि बाबू ने आर्थिक लाभ लेकर सिपाहियों से ट्रांसफर कराने का झांसा दिया होगा। जब नहीं करवा पाया तो फर्जी आदेश बना लिया। दूसरा ये कि शायद वह सिपाहियों को परेशान करना चाहता था। इसलिए ऐसा किया। सूत्रों के मुताबिक जांच में ये बात साफ नहीं हो सकी। क्योंकि आर्थिक लेनदेन के कोई सुबूत नहीं मिल पाए हैं। अब केस की विवेचना में ये तथ्य सामने आ सकता है।