Pakistan: अगले 24 घंटे क्यों भारी पड़ने वाले हैं पाकिस्तान पर, जानें क्यों इस्लामाबाद पहुंच रहे हैं एक लाख लोग

विदेशी मामलों के जानकारों के मुताबिक पाकिस्तान के भीतर अगर व्यवस्थाएं चाक चौबंद नहीं रहीं, तो अगले 24 घंटे बड़े भारी पड़ने वाले हैं। दरअसल पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के भीतर तकरीबन एक लाख से ज्यादा लोग अलग-अलग रास्तों से घुसने की फिराक में हैं। ये एक लाख लोग बलूचिस्तान के तुरबत से चलते हुए अलग-अलग हिस्सों से 21 दिसंबर को इस्लामाबाद पहुंचने वाले हैं…
पाकिस्तान पर अगले 24 घंटे बहुत भारी पड़ने वाले हैं। दरअसल पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में चारों ओर से तकरीबन एक लाख से ज्यादा लोग घुसने की फिराक में है। यह वह लोग हैं जो पाकिस्तानी और आईएसआई की ओर से मारे गए मासूम बलूचिस्तानियों का बदला लेने के लिए पाकिस्तान की राजधानी पहुंच रहे हैं। पाकिस्तान की ओर से बिगड़ते हालातों को देखते हुए डेरा गाजा खान इलाके में इस भीड़ को रोकने की कोशिश तो की है, लेकिन हालात बिगड़ते जा रहे हैं। पाकिस्तान में स्थित इस कदर बिगड़ चुकी है कि कार्यवाहक प्रधानमंत्री ने सेना से गुजारिश कर कई टुकड़ियों को बॉर्डर से हटाकर इस्लामाबाद में आने की मिन्नतें शुरू कर दी हैं।
पाकिस्तान में इस वक्त बहुत ज्यादा उथल-पुथल मची हुई है। इस उथल-पुथल में महत्वपूर्ण मामला बलूचिस्तान के भीतर शुरू हुए अब तक के बड़े प्रदर्शनों में से एक का भी है। विदेशी मामलों के जानकारों के मुताबिक पाकिस्तान के भीतर अगर व्यवस्थाएं चाक चौबंद नहीं रहीं, तो अगले 24 घंटे बड़े भारी पड़ने वाले हैं। दरअसल पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के भीतर तकरीबन एक लाख से ज्यादा लोग अलग-अलग रास्तों से घुसने की फिराक में हैं। यह वे एक लाख लोग हैं, जो बलूचिस्तान के तुरबत से चलते हुए अलग-अलग हिस्सों से 21 दिसंबर को इस्लामाबाद पहुंचने वाले हैं। खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाली अपनी किसी तरीके की फजीहत से बचने के लिए इंतजाम तो किए हैं, लेकिन वह नाकाफी हैं। पाकिस्तान बलूचिस्तान के लोगों को रोकने के लिए न सिर्फ सेना को तीन चरण की व्यवस्था से रोकने की तैयारी में है, बल्कि एक बार फिर इंटरनेट सेवाओं को बंद करने की योजना 21 दिसंबर को कर रहा है।
दरअसल पाकिस्तान की यह स्थिति बलूचिस्तान के लोगों पर लगातार किए जा रहे हैं, अत्याचार और हाल में हुए नरसंहार के बाद हुई है। बीते कुछ दिनों से पाकिस्तान के भीतर बलूचिस्तान के लोग लगातार अपने ऊपर हो रहे अत्याचार का विरोध कर रहे हैं। बलूचिस्तान लिबरेशन मूवमेंट से जुड़े अशरफ राज ने अमर उजाला डॉट कॉम को बलूचिस्तान से फोन पर बताया कि अगले 24 घंटे के भीतर पाकिस्तान में हालात बदहाल होने वाले हैं। वह कहते हैं कि 23 नवंबर से पाकिस्तान की सेना और आईएसआई ने जिस तरीके से बलूचिस्तान के नागरिकों को निशाना बनाकर मारना शुरू किया है, वह अब नाकाबिले बर्दाश्त है। अशरफ कहते हैं कि उनके साथ जुड़े लोगों ने तुरबत में महज 4 दिन का विरोध शुरू किया था। उनकी मांग थी कि जिन लोगों ने 23 नवंबर को लाचार और बेगुनाह बलूचिस्तानियों की हत्या की थी, उन्हें सजा दी जाए। लेकिन पाकिस्तान ने सजा देने की बजाय बलूचिस्तानियों पर एक बार फिर से अत्याचार करना शुरू कर दिया।
बलूचिस्तान के अलग-अलग इलाकों से विरोध करते हुए सभी लोग अब पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद पहुंच रहे हैं। आंदोलन में शामिल लोग बताते हैं कि पाकिस्तान को अंदाजा हो गया है कि इस्लामाबाद पर ज्यादा से ज्यादा लोग अलग-अलग रास्तों से पहुंचने वाले हैं। पाकिस्तान ने उन्हें रोकना शुरू कर दिया है। पाकिस्तान के डेरा गाजा खान में प्रदर्शनकारियों को इस्लामाबाद जाने से फिलहाल रोका गया है। आंदोलन में शामिल अशरफ राज कहते हैं कि डेरा गाजा खान में तो प्रदर्शनकारियों को रोका जा सकता है, लेकिन अलग-अलग जगह से जो लोग इस्लामाबाद पहुंच रहे हैं, उन्हें किस तरह रोका जाएगा। उनका तर्क है कि पाकिस्तान के आर्मी चीफ अमेरिका में उन हालातों को सामान्य बता कर आए हैं, जो हकीकत उलट हैं। बलूचिस्तान मामले में पाकिस्तान ने अमेरिका को जो तस्वीर दिखाई वह पूरी तरीके से गलत है। यही वजह है कि पाकिस्तान की सेना और वर्तमान सरकार नहीं चाहती कि बलूचिस्तान की आवाज को अंतरराष्ट्रीय मंच मिले और उनके आंदोलनकारी इस्लामाबाद पहुंचें।
लेकिन आंदोलनकारियों ने भी अपनी रणनीति बनाते हुए इस्लामाबाद पहुंचने की अलग-अलग तैयारी की है। आंदोलन में शामिल लोग बताते हैं कि बलूचिस्तान में लगातार नरसंहार हो रहा है। महिलाओं के साथ बलात्कार हो रहा है। इसके अलावा हजारों लोग गायब किए जा चुके हैं। यह सब पाकिस्तान की सेना और वर्तमान सरकार के इशारे पर हो रहा है। बलूच लिबरेशन मूवमेंट से जुड़े अशरफ कहते हैं कि इस बार यह आंदोलन ज्यादा बड़ा हो चुका है और पाकिस्तान के लिए नासूर भी बनता जा रहा है। उनका कहना है कि वह पूरी तैयारी में है कि 21 दिसंबर को इस्लामाबाद पहुंचें। वहीं खुफिया एजेंसी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान ने इस आंदोलन से घबराकर सेना को भी इस्लामाबाद की सीमा पर तैनात होने के लिए कहा है। हालांकि इस मामले में अभी सेना ने अपनी ओर से कोई हरी झंडी तो नहीं दी है, लेकिन यह तय है कि कुछ टुकड़ियों को इस्लामाबाद के बाहरी इलाके में तैनात किया गया है।