Pilibhit News: अब रेलवे के सत्यापन के बाद ही शुरू होगा गर्डर रखने का काम

पीलीभीत। खटीमा बाइपास पर टनकपुर और पीलीभीत रेलखंड पर बनाए जा रहे पुल की राह में पूर्वोत्तर रेलवे नए-नए रोड़े अटकाए जा रहा है। अब मुख्यालय गोरखपुर की टीम के सत्यापन के बाद ही गर्डर रखने की बात कही जा रही है, इससे पुल निर्माण का काम रुक गया है। साफ है कि बाइपास इस वित्तीय सत्र में शुरू नहीं हो सकेगा।
शहर के बीच से गुजरे टनकपुर हाईवे पर लगने वाले जाम से लोगों को राहत दिलाने के लिए असम हाईवे से खटीमा बाइपास की मंजूरी मिली थी। करीब 51 करोड़ रुपये से बनने वाले इस बाइपास का काम वर्ष 2019 में शुरू हुआ था। बाइपास के रास्ते में पीलीभीत-पूरनपुर के मध्य और पीलीभीत- टनकपुर रेलवे लाइन के ऊपर से सेतु गुजरना है।
कार्यदायी संस्था राज्य सेतु निगम की ओर से काम करते हुए अपने हिस्से का पूरा काम कर लिया गया है। करीब एक साल तक रेलवे की ओर से गर्डर न आने के कारण काम बंद रहा। दिसंबर में दोनों पुलों के लिए गर्डर आ गए। इसके बाद उम्मीद जागी कि जनवरी में यह काम पूरा हो जाएगा और बाइपास इसी वित्तीय वर्ष में शुरू हो जाएगा।
गर्डर आने के बाद उनको जोड़ भी लिया गया। इसके बाद उनको पुल के ऊपर शिफ्ट किया जाना था, लेकिन अब एक और पेच फंस गया है। अब कहा जा रहा है कि गर्डर को रखने से पहले पूर्वोत्तर रेलवे की ओर से सत्यापन कराया जाएगा। सत्यापन के लिए पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय गोरखपुर से टीम आएगी।
पत्राचार होने के बाद भी अब तक सत्यापन की प्रक्रिया शुरु नहीं हो सकी है। इसके चलते दोनों पुलों पर काम बंद पड़ा है। रेलवे के पेच के चलते पुल का काम अपने तय समय मार्च 2023 में पूरा नहीं हो सकता। ऐसी ही हीलाहवाली रही तो अभी इसे पूरा करने में ही दो से तीन माह और लग जाएंगे। काम कब तक पूरा होगा, इसको लेकर कोई अधिकारी सटीक जवाब भी नहीं दे पा रहा है।
पुल बनने से सुगम होगा सफर
लखनऊ की ओर से आने वाले वाहनों को टनकपुर, खटीमा और उत्तराखंड के अन्य जिलों में जाने के लिए शहर के बीच से होकर गुजरना पड़ता है। इस मार्ग पर दिन भर जाम की स्थिति बनी रहती है। हादसे भी होते रहते हैं। इस समस्या को देखते हुए शासन ने साल 2019 में बाइपास और ओवरब्रिज निर्माण के लिए मंजूरी दी थी। बाइपास बनने के बाद लोगों को जाम से मुक्ति मिल जाएगी, लेकिन हर बार कोई न कोई अड़ंगा लग जाता है।
शासन से उपरिगामी पुल के लिए जारी हुए बजट में पूरनपुर रेलवे ट्रैक के पास के लिए 26.80 करोड़ और खटीमा की ओर पुल के लिए 24.90 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया गया था। भारी भरकम बजट शहर के लोगों को जाम से निजात दिलाने के लिए जारी किया गया था।
पूर्वोत्तर रेलवे की ओर से सत्यापन होना है। इसके लिए पत्राचार किया गया है। सत्यापन के बाद ही गर्डर रखने का काम किया जाएगा। संभावना है कि मार्च में पूरा कर लिया जाएगा।- ब्रिजेंद्र कुमार मौर्य, परियोजना प्रबंधक, राज्य सेतु निगम