उत्तर प्रदेशलखनऊ

Pithoragarh: आदि कैलाश के लिए हेलीकॉप्टर सेवा शुरू, 16 यात्रियों को लेकर MI-17 पिथौरागढ़ में उतरा; झूमे लोग

 

पिथौरागढ़ नैनीसैनी हवाई अड्डे से आदि कैलाश और ओम पर्वत हवाई यात्रा शुरू हो गई है। जिसको लेकर यात्रियों में काफी उत्साह है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिथौरागढ़ आने के बाद पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन और उत्तराखंड पर्यटन बोर्ड ने हवाई सेवा की पहल की है। पहले दिन गुजरात, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, उड़ीसा, दिल्ली, हरियाणा से 16 यात्रियों ने आदि कैलाश और ओम पर्वत के दर्शन किए।

सोमवार को नैनीसैनी हवाई अड्डे से रुद्राक्ष एविएशन प्राइवेट लिमिटेड ने ट्रिप टू टैंपल, केएमवीएन के सहयोग से यात्रा शुरू कर दी है। इस दौरान पूरा हवाई अड्डा बम-बम भोले के जयकारों से गूंज गया। यात्रा को लेकर यात्रियों में काफी उत्साह किया गया। दो घंटे में आदि कैलाश और ओम पर्वत के दर्शन कर वापस लौटे यात्रियों ने कहा कि यात्रा साहसिक रही। उन्हें आदि कैलाश और ओम पर्वत के साक्षात दर्शन हुए। उन्होंने जिला प्रशासन, पर्यटन विभाग और एयर अथॉरिटी की सराहना की। जिस तरह की व्यवस्थाएं की गई हैं। उससे लगता है कि बड़ी संख्या में पर्यटक आएंगे। इस मौके पर पर सयुंक्त मजिस्ट्रेट आशीष कुमार मिश्रा, यात्री व्यास देव राणा, जनकृत आचार्य, आचार्य एकता, यवन मेहता, भावना बेन मेहता, रमाबेन रावल, जिगनेषा रावल, आनंद गोखले, अपूर्व गोखले , अपर्णा गोखले मौजूद रहे।

 

 

 

बोले पायलट-

पायलट ने कहा कि टेक ऑफ और 16 हजार फुट की ऊंचाई पर पहुंचने में कोई दिक्कत नहीं हुई। क्रू ने 10 हजार फुट और पैसेंजर ने 13 हजार फुट से ऑक्सीजन का इस्तेमाल किया। हेली के अंदर तापमान 23 डिग्री सेल्सियस रहा। कालापानी से ओम पर्वत और नाभीढांग से तीन चक्कर लगाए और ओम पर्वत के दर्शन किए। जिसके बाद ज्योलिंगकांग गए और यात्रियों को आदि कैलाश के दर्शन कराए।

 

बुधवार को फिर यात्रियों को एमआई-17 हेलीकॉप्टर से दर्शन के लिए ले जाया जाएगा। 15 अप्रैल से पिथौरागढ़ से गुंजी हेली और फिर यहां से ज्योलिंगकांग आदि कैलाश हेली और फिर यहां से नाभीढांग ओम पर्वत यात्रियों को हेली से ले जाया जाएगा। जिसके बाद यात्री गुंजी, नाभी, नपल्च्यू में तीन दिन रुकेंगे। जिससे स्थानीय गाइड और अन्य लोगों को फायदा मिलेगा। यात्रियों के लिए नया विंटर एडवेंचर पर्यटन विकसित हुआ है।

बोले यात्री-

भगवान शिव के दर्शन करना मेरी जिंदगी का अभूतपूर्ण अनुभव रहा। यात्रा के दौरान काफी मजा आया। हेली में कोई दिक्कत नहीं हुई।

आदि कैलाश और ओम पर्वत के दर्शन रोमांचित करने वाला था। भगवान शिव के साक्षात दर्शन हुए। मेरी जिंदगी का ये सबसे बड़ा पल है। जिसे में शब्दों में बयां नहीं कर सकता हूं।

सात दिनों तक चलेगा वन डे पैकेज

सात दिनों तक आदि कैलाश और ओम पर्वत यात्रा के लिए वन डे पैकेज रहेगा। 10 अप्रैल से चार दिवसीय पैकेज शुरू हो जाएगा। यात्रा का मुख्य उद्देश्य सीमांत में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देकर लोगों की आय में सुधार करना है।

 

जिला पर्यटन विकास अधिकारी किर्ती चंद्र आर्या ने बताया कि भविष्य में धार्मिक पर्यटन बढ़ने की बहुत ज्यादा संभावना है। इस योजना से स्थानीय होम स्टे संचालकों को जोड़ा जाएगा। जिससे स्थानीय स्तर पर पलायन रुकेगा और लोगों को स्वरोजगार अवसर मिलेंगे। उन्होंने बताया कि तीन अप्रैल को यात्रियों का अगला दल आदि कैलाश दर्शन के लिए जाएगा। 15 अप्रैल 2024 से 10 मई 2024 तक आदि कैलाश और ओम पर्वत की चार से पांच दिवसीय यात्रा कराई जाएगी। पहले दिन दिल्ली से पिथौरागढ़ की यात्रा सड़क मार्ग और दूसरे दिन पिथौरागढ़ से गुंजी हेली, तीसरे दिन गुंजी ज्योंलिंगकांग आदि कैलाश की यात्रा हेली से कराई जाएगी। इसके अलावा ऑल टेरेन व्हीकल के माध्यम से पार्वती सरोवर, शिव पार्वती मंदिर और आदि कैलाश के दर्शन कराने के बाद पर्यटकों को हेली से गुंजी वापस लाया जाएगा। चौथे दिन गुंजी से नाबीढांग हेली से ओम पर्वत के दर्शन कराए जाएंगे। इसके बाद यात्रियों को नाभी, गुंजी, नपल्च्यू में रात्रि विश्राम कराया जाएगा। पांचवे दिन यात्रियों को गुंजी से पिथौरागढ़ हेली से पहुंचाया जाएगा।

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