उत्तर प्रदेशलखनऊ

प्रशांत किशोर ने की भाजपा के लिए भविष्‍यवाणी, किन राज्‍यों में बढ़ेंगी सीटें; कांग्रेस और I.N.D.I गठबंधन की क्‍या रहेगी स्थिति

Lok Sabha Election 2024 रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव 2024 में किस पार्टी की क्‍या स्थिति रहेगी इस पर बातचीत की। प्रशांत किशोर ने बताया कि किन राज्‍यों में भाजपा की सीटें बढ़ सकती हैं तो कहां लग सकता है झटका। कांग्रेस पार्टी और विपक्षी दलों के गठबंधन आईएनडीआईए के लिए क्‍या है खतरे की घंटी और क्‍या है मजबूती…

नई दिल्‍ली। राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर इन दिनों बिहार में जनसुराज पैदल मार्च निकाल रहे हैं। इस दौरान उन्होंने लोकसभा चुनाव 2024 में किस पार्टी की क्‍या स्थिति रहेगी, इस पर बातचीत की। प्रशांत किशोर ने बताया कि किन राज्‍यों में भाजपा की सीटें बढ़ सकती हैं तो कहां लग सकता है झटका। कांग्रेस पार्टी और विपक्षी दलों के गठबंधन आईएनडीआईए के लिए क्‍या है खतरे की घंटी।

न्‍यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते प्रशांत किशोर ने बताया कि आगामी चुनाव में पूर्वोत्तर और दक्षिण के राज्यों में भाजपा अपनी सीटों व मत प्रतिशत में बढ़ोतरी करेगी। पीके के मुताबिक, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल में कुल मिलाकर लोकसभा की 164 सीटें हैं।

 

अगर अतीत पर नजर डाली जाए तो देखेंगे कि भाजपा को इन राज्‍यों में अपनी पकड़ बनाने के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ा है। यहां उसकी कट्टर राष्ट्रवादी विचारधारा मतदाताओं को कुछ खास रास नहीं आ रही थी। साल 2014 के लोकसभा चुनाव की बात की जाए तो इन राज्‍यों में भाजपा को केवल सात सीटें मिली थीं, जबकि साल 2019 के लोकसभा की बात करें तो 30 सीटें भाजपा जीती थीं

किन राज्यों में कैसी रहेगी स्थिति?

प्रशांत किशोर ने बताया, ”इस बात की पूरी-पूरी संभावना है कि भारतीय जनता पार्टी बंगाल और ओडिशा में नंबर एक पार्टी होगी। इतना ही नहीं, तेलंगाना में भी बीजेपी पहले या दूसरे नंबर की पार्टी रहेगी। तमिलनाडु में भी भाजपा का वोट प्रतिशत डबल अंक में पहुंच सकता है।”

गौर करने वाली बात यह है कि यहां साल 2019 के चुनाव में वोटर शेयर 3.6 फीसदी था। हालांकि, 2021 में हुए विधानसभा चुनाव में यह घटकर 2.6 रह गया था।प्रशांत किशोर ने कांग्रेस और विपक्षी पार्टियों के गठबंधन को लेकर कहा कि विपक्ष के पास मौके हैं, लेकिन वह उन्‍हें गंवा रहा है। जनाधार बचाए रखने के लिए विपक्ष को रणनीति बदलने की जरूरत है।

बिहार के बारे में प्रशांत किशोर ने क्‍या कहा?

पीके ने बिहार का जिक्र करते हुए कहा कि यहां एक नई राजनीतिक पार्टी के लिए असीम संभावनाएं हैं, क्‍योंकि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले दल करीब-करीब समान विचारधारा वाले हैं। यहां समान विचारधारा वाली पार्टियों के गठबंधन के 35 साल के शासन के बावजूद पुरजोर सत्ता विरोधी लहर है। इन 35 सालों में बुनियादी बदलाव तक नहीं हुआ है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button