उत्तर प्रदेशलखनऊ

Prayagraj : महाकुंभ की दिव्यता के लिए बलि चढ़ेंगे नौ सौ जीवनदायी पेड़, चौड़ीकरण में 80 से अधिक पेड़ उखाड़े गए

दर्जनों आक्सीजन प्रदाता पेड़ों की जड़ें इस कदर खोदी या हिला दी गईं हैं कि उनका सूखना तय है। कहा जा रहा है कि अगर शिफ्टिंग तकनीक का सहारा लिया जाता तो इन पेड़ों को खत्म होने से बचाया जा सकता था।

ग्रीन सिटी के रूप में दिखने वाली संगमनगरी में महाकुंभ की दिव्यता के लिए नौ सौ से अधिक जीवनदायी पेड़ों की बलि चढ़ाई जाएगी। अलग-अलग सड़कों के चौड़ीकरण, सुंदरीकरण परियोजनाओं को मूर्त रूप देने के लिए लंबी मशक्कत के बाद इन पेड़ों को काटने की अनुमति ली गई है। इनमें से सौ से अधिक पेड़ अब तक जेसीबी से उखाड़े जा चुके हैं।

दर्जनों आक्सीजन प्रदाता पेड़ों की जड़ें इस कदर खोदी या हिला दी गईं हैं कि उनका सूखना तय है। कहा जा रहा है कि अगर शिफ्टिंग तकनीक का सहारा लिया जाता तो इन पेड़ों को खत्म होने से बचाया जा सकता था। लेकिन, अफसर शिफ्टिंग को सफल नहीं मा रहे हैं। एक तरफ जहां शहर से दूर होती हरियाली को बचाने के लिए मशक्कत की जा रही है, वहीं स्मार्ट सिटी के तहत सड़कों के चौड़ीकरण, नाला, सीवर लाइन और यात्री शेड के निर्माण के चक्कर में लहलहाते हरे पेड़ जेसीबी से उखाड़ दिए जा रहे हैं।

 

जार्जटाउन में सीवाई चिंतामणि रोड की दोनों पटरियों पर इसका नमूना देखा जा सकता है। वहां 50 से अधिक बरगद, सहजन, नीम, पीपल और पाकड़ जैसे आक्सीजन देने वाले पेड़ों की जड़ें खोद दी गई हैं। कई पेड़ों की जड़ें कटकर सड़कों पर सूख रही हैं। जबकि, पचासों पेड़ उखाड़ दिए गए हैं। महाकुंभ के तहत इस सड़क का चौड़ीकरण पीडीए की ओर से कराया जा रहा है। इसी तरह गवर्नमेंट प्रेस चौराहे से एजी ऑफिस होते हुए सरोजिनी नायडू मार्ग पर भी दर्जनों पेड़ों की जड़ें काटने के साथ ही उखाड़ दी गईं हैं।

 

ऐसे उजड़े और टूटकर गिरे कई पेड़ों को मलबे में दबा दिया गया है। पीडीए के सचिव अजीत कुमार सिंह का कहना है कि जिन पेड़ों को बचाया जाना संभव नहीं हो पा रहा है, वही काटे जा रहे हैं। इसके लिए हाईकोर्ट के निर्देशन में बनी कमेटी की ओर से ऐसे पेड़ों को काटने की अनुमति ली गई है। रही बात पेड़ों की शिफ्टिंग कराने की तो इसके लिए अभियंताओं से मशविरा किया जाएगा। इस कमेटी में डीएम नवनीत सिंह चहल भी शामिल हैं। जितने पेड़ कटेंगे उनकी तुलना में 10 गुना अधिक पेड़ लगाए जाएंगे, ताकि ग्रीन कुंभ का सपना साकार हो सके।

जितने कटेंगे उससे 10 गुना अधिक पेड़ लगाकर बनाएंगे ग्रीन कुंभ: मेलाधिकारी

 

कुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद का कहना है कि महाकुंभ की सड़क परियोजनाओं की जद में तीन हजार पेड़ चिह्नित किए गए थे, लेकिन अथक प्रयास के बाद अब सिर्फ नौ सौ ही काटे जाएंगे। इसके सापेक्ष अरैल से फाफामऊ के बीच दो लाख से अधिक पौधे लगाए जाने का निर्णय लिया गया है। जितने पेड़ कटेंगे, उससे 10 गुना अधिक लगाए जाएंगे। ताकि ग्रीन कुंभ की सोच फलीभूत हो सके। इसके लिए बड़ी संख्या में पौधे लगाए जा चुके हैं। रही बात पेड़ों की शिफ्टिंग की तो यह तकनीक सफल नहीं है। ऐसे में पेड़ों की शिफ्टिंग करना संभव नहीं हो पा रहा है।

 

 

 

रेलवे की ओर से शिफ्ट कराए गए 12 में से 11 पेड़ बचाए गए

 

पिछले वर्षों में जिले में कई पेड़ों की शिफ्टिंग कराई जा चुकी है। दारागंज, झूंसी समेत कई जगहों पर बाधा बनने वाले 12 पेड़ों की रेलवे की ओर से सफलतापूर्वक शिफ्टिंग कराई जा चुकी है। रेलवे विकास निगम के महाप्रबंधक वीके अग्रवाल का कहना है कि परेड और आसपास के इलाकों में जिन पेड़ों की शिफ्टिंग कराई गई, उनमें से 11 पेड़ बचा लिए गए और वह पूरी तरह स्वस्थ हैं।

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