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जीते जी मौत की तैयारी!: गाजा पट्टी में लोग अपने बच्चों को पहना रहे खास ब्रेसलेट, वजह जानकर दिल भर आएगा

गाजा युद्ध की विभिषिका

 शिवानी सिंह समाचार लेखक

गाजा पट्टी में रहने वाले अली अल-दाबा (40 वर्षीय) का कहना है कि उन्होंने बमबारी में लोगों को क्षत-विक्षिप्त शव देखे हैं, जिनकी पहचान करना भी मुश्किल है। ऐसे हालात में उन्होंने अपने परिवार को अलग-अलग रखने का फैसला किया है ताकि एक हमले में उनका पूरा परिवार खत्म ना हो जाए।

युद्ध की विभिषिका इतनी निर्मम होती है कि उसमें इंसानी जान की कोई कीमत नहीं रह जाती और मरने वाले लोग महज एक नंबर बनकर रह जाते हैं। ऐसा ही गाजा पट्टी में देखने को मिल रहा है, जहां अब तक इस्राइली गोलाबारी में छह हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इतने बड़े पैमाने पर मौत होने के कारण गाजा पट्टी में लोगों को बिना पहचान के सामूहिक कब्रों में दफनाया जा रहा है। एक फलस्तीनी नागरिक ने बताया कि शवों को नाम की बजाय नंबर देकर दफनाया जा रहा है। अब गाजा पट्टी के कुछ परिवारों ने अपने परिजनों को खास रंग के ब्रेसलेट पहनाने शुरू कर दिए हैं ताकि इस्राइली हमले में उनकी मौत की स्थिति में ब्रेसलेट से शव की पहचान की जा

गाजा में 6500 लोगों की मौत

बता दें कि हमास के आतंकियों ने बीती 7 अक्तूबर को इस्राइल की सीमा में घुसकर 1400 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। इस बर्बर हमले के जवाब में इस्राइल ने हमास के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया और गाजा पट्टी पर बमबारी शुरू कर दी। इस्राइल के हमले में अब तक गाजा पट्टी में 6500 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग घायल हैं। गाजा पट्टी में रहने वाले अली अल-दाबा (40 वर्षीय) का कहना है कि उन्होंने बमबारी में लोगों को क्षत-विक्षिप्त शव देखे हैं, जिनकी पहचान करना भी मुश्किल है। ऐसे हालात में उन्होंने अपने परिवार को अलग-अलग रखने का फैसला किया है ताकि एक हमले में उनका पूरा परिवार खत्म ना हो जाए। अली ने बताया कि उनकी पत्नी, दो बेटों और दो बेटियों के साथ गाजा पट्टी के उत्तरी इलाके में रह रहे हैं। वहीं अली खुद अपने तीन बच्चों के साथ खान यूनिस इलाके में रह रहे हैं।

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