भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का मनाया गया जयंती
उनके बदौलत जमींदारी प्रथा का उन्मूलन हुआ और गरीबों को अधिकार मिला। उन्होंने लेखपाल के पद का सृजन भी किया।

आनन्द कुमार प्रजापति संवादाता
गाजीपुर। जखनियां l (जस्ट एक्शन) किसान दिवस को भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के सम्मान में हर साल 23 दिसंबर को मनाया जाता है प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने किसानों के हक की आवाज उठाई और किसानों के लिए सुधारात्मक कार्य करते रहे।
उनकी विरासत कई जगह बटी आज जितनी भी जनता दल परिवार की पार्टियाँ हैं उड़ीसा में बीजू जनता दल हो या बिहार में राष्ट्रीय जनता दल हो या जनता दल यूनाएटेड ले लीजिए या ओमप्रकाश चौटाला का लोक दल अजीत सिंह का ऱाष्ट्रीय लोक दल हो या मुलायम सिंह की समाजवादी पार्टी हो ये सब चरण सिंह की विरासत हैं।
कांग्रेस के लौहर अधिवेशन में पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव पारित हुआ था जिससे प्रभावित होकर युवा चौधरी चरण सिंह राजनीति में सक्रिय हो गए। उन्होंने गाजियाबाद में कांग्रेस कमेटी का गठन किया। 1930 में जब महात्मा गांधी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन का आह्वान किया तो उन्होंने हिंडन नदी पर नमक बनाकर उनका साथ दिया। जिसके लिए उन्हें जेल भी जाना पड़ा।
वो किसानों के नेता माने जाते रहे हैं। उनके द्वारा तैयार किया गया जमींदारी उन्मूलन विधेयक राज्य के कल्याणकारी सिद्धांत पर आधारित था। एक जुलाई 1952 को यूपी में उनके बदौलत जमींदारी प्रथा का उन्मूलन हुआ और गरीबों को अधिकार मिला। उन्होंने लेखपाल के पद का सृजन भी किया। किसानों के हित में उन्होंने 1954 में उत्तर प्रदेश भूमि संरक्षण कानून को पारित कराया। वो 3 अप्रैल 1967 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। 17 अप्रैल 1968 को उन्होंने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। मध्यावधि चुनाव में उन्होंने अच्छी सफलता मिली और दुबारा 17 फ़रवरी 1970 के वे मुख्यमंत्री बने। उसके बाद वो केन्द्र सरकार में गृहमंत्री बने तो उन्होंने मंडल और अल्पसंख्यक आयोग की स्थापना की। 1979 में वित्त मंत्री और उपप्रधानमंत्री के रूप में राष्ट्रीय कृषि व ग्रामीण विकास बैंक [नाबार्ड] की स्थापना की 28 जुलाई 1979 को चौधरी चरण सिंह समाजवादी पार्टियों तथा कांग्रेस के सहयोग से प्रधानमंत्री बने।
इसके दौरान उपस्थित विधानसभा जखनिया के प्रभारी समाजवादी पार्टी के डॉक्टर विजय बहादुर यादव गांव सभा के प्रधान प्रतिनिधि सुमित यादव लालजी राम जिला सचिव रामकृष्ण सोनकर जिला पंचायत सदस्य रामवृक्ष यादव विधानसभा कोषाध्यक्ष राजाराम यादव जोनल प्रभारी साहब यादव जिला सचिव मजदूर सभा डॉक्टर जय प्रकाश राजभर महासचिव मजदूर सभा विधानसभा बंसराज यादव पूर्व प्रदेश सचिव शिक्षक सभा मारकंडेय यादव राष्ट्रीय सचिव शिक्षक सभा पूर्व जिला अध्यक्ष शिक्षक सभा शैलेश यादव रविंद्र प्रताप बताओ कि भैया विश्वकर्मा दीपचंद प्रजापति कैलाश विश्वकर्मा मुकुंद विश्वकर्मा गोबिंदप्रमोद पारसनाथ विश्वकर्मा जी राधे राम राधेश्याम गौड़ जी इत्यादि बहुत से लोग उपस्थित थे।