बिना ड्राइवर दौड़ी ट्रेन: अब स्टेशन मास्टर समेत छह निलंबित, अगर न रुकती तो पटरी से उतारने की थी योजना

रेलवे की एक कमेटी मामले की जांच कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि पूरे मामले में जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ट्रेन बिना ड्राइवर कैसे चली और इसे पंजाब में कैसे रोका गया, इस पूरे घटनाक्रम के बारे में फिरोजपुर रेल मंडल के डीआरएम ने विस्तृत जानकारी साझा की।
जम्मू के कठुआ से बिना ड्राइवर 78 किलोमीटर तक मालगाड़ी के दौड़ने के मामले में बड़ा एक्शन लिया गया है। रेलवे ने कठुआ के स्टेशन मास्टर समेत छह लोगों को निलंबित कर दिया है। पूरे मामले की जांच कमेटी कर रही है। जांच में अगर कोई और भी मुलाजिम आरोपी मिले तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। ये जानकारी रेल डिवीजन फिरोजपुर के डीआरएम संजय साहू ने दी है।
डीआरएम ने कहा कि उक्त मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की गई है, जो कठुआ में जांच कर रही है। शुरुआती दौर में कठुआ रेलवे स्टेशन के स्टेशन मास्टर, मालगाड़ी के लोको पायलट, सहायक लोको पायलट, प्वाइंटमैन (कठुआ), लोको इंस्पेक्टर, और टीआई को निलंबित कर दिया गया है। एक सवाल के जवाब में साहू ने कहा कि कठुआ में खड़ी मालगाड़ी से जुड़े दोनों डीजल इंजन बंद थे। ये ट्रेन कैसे चल पड़ी इस संबंध में कमेटी जांच करने में जुटी है। ट्रेन जम्मू के कठुआ और पंजाब के ऊंची बस्सी के बीच लगभग 78 किलोमीटर दौड़ी है।
ट्रेन की प्रत्येक गतिविधियों पर फिरोजपुर स्थित कंट्रोल रूम में बैठ कर पल-पल की जानकारी हासिल की जा रही थी। इसे रोकने के लिए रेल पटरी में मिट्टी भी डाली गई थी। सभी ट्रेनों को रोक दिया गया था। यही नहीं बिजली बंद कर दी गई थी।
एक सवाल के जवाब में साहू ने कहा कि उक्त ट्रेन को रेल पटरी से उतारने की भी योजना बनाई जा रही थी लेकिन ट्रेन की रफ्तार धीमी होने लगी, इसीलिए उनके मुलाजिमों ने ट्रेन को सही सलामत ऊंची बस्सी में रोक लिया
साहू ने कहा कि कई समाचारों में लिखा है कि लोको पायलट चाय पीने उतरा था ऐसा कुछ नहीं है। ट्रेन में लगे दोनों डीजल इंजन बंद थे। अगर बिजली वाले इंजन होते तो पावर बंद कर ट्रेन को रोक लिया जाता। कमेटी की जांच में अगर और भी अधिकारी व मुलाजिम आरोपी मिले तो उनके खिलाफ बनती कार्रवाई की जाएगी।