उत्तर प्रदेशगोण्डा

ब्लड शुगर को बढ़ा रहा है गेहूं का आटा, अपने अनाज में इन 2 ग्रेन को मिलाकर बनाएं रोटी, Diabetes का टल जाएगा खतरा

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अपोलो अस्पताल, नोएडा में एंडोक्रिनोलॉजिस्ट, डॉक्टर बी के रॉय के मुताबिक डायबिटीज मरीज ब्लड शुगर को नॉर्मल रखना चाहते हैं तो सबसे पहले जिस अनाज की रोटी खा रहे है उसपर ध्यान दें।

डायबिटीज एक क्रॉनिक बीमारी है जिसे सिर्फ कंट्रोल किया जा सकता है इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है। डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए डाइट का ध्यान रखना, बॉडी को एक्टिव रखना और तनाव से दूर रहना जरूरी है। डायबिटीज मरीज ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए रेगुलर ब्लड शुगर की जांच करें और डाइट में लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड्स को शामिल करें। डाइट की बात करें तो अनाज में गेहूं हमारी डाइट का अहम हिस्सा है,जिसका सेवन हम दिन भर के खाने में दो से तीन बार रोटी बना कर करते हैं।

गेहूं एक ऐसा अनाज है जिसका सेवन ज्यादातर लोग करते हैं। आप जानते हैं कि आपका मुख्य अनाज ही आपको डायबिटीज का शिकार बना रहा है। गेहूं के आटे में कार्बोहाइड्रेट मौजूद होता है और इस आटे का ग्लाइसेमिक इंडेक्स ज्यादा भी होता है जिसका सेवन करने से ब्लड में शुगर का स्तर तेजी से बढ़ता है।

डायबिटीज मरीजों को अगर पूरा दिन ब्लड शुगर को कंट्रोल करना है तो डाइट में बदलाव करें। दिन भर के तीन टाइम के भोजन में फाइबर और प्रोटीन का सेवन अधिक करें और कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम करें। अपोलो अस्पताल, नोएडा में एंडोक्रिनोलॉजिस्ट, डॉक्टर बी के रॉय के मुताबिक डायबिटीज मरीज ब्लड शुगर को नॉर्मल रखना चाहते हैं तो सबसे पहले जिस अनाज की रोटी खा रहे है उसपर ध्यान दें।

गेहूं एक ऐसा अनाज है जिसमें कार्बोहाइड्रेट ज्यादा होता है और फाइबर कम होता है। डायबिटीज मरीज इस अनाज की रोटी खाते हैं तो ब्लड शुगर तेजी से स्पाइक करता है। अब सवाल ये उठता है कि डायबिटीज मरीज किस आटे की रोटी खाएं कि ब्लड शुगर नॉर्मल रहें। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि कौन सा आटा शुगर को नॉर्मल रखता है।

गेहूं के आटे में करें बेसन को शामिल

ब्लड शुगर को नॉर्मल करना चाहते हैं तो गेहूं का आटा सीधा नहीं खाएं बल्कि उसमें बेसन मिलाकर उसकी रोटी बनाएं। आटे में बेसन मिलाने से आटे का स्वाद बढ़ता है बल्कि आटा पौष्टिक भी हो जाता है। गेहूं के आटे में बेसन मिलाकर रोटी खाने से आप अपनी रोटी को प्रोटीन और फाइबर से भरपूर बना सकते हैं। डायबिटीज मरीजों के लिए फाइबर का अधिक सेवन करने से ब्लड में शुगर का स्तर धीरे-धीरे बढ़ता है। गेहूं के आटे का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 70 है जबकि बेसन का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 28 से 35 के बीच है। यही कारण है कि डायबिटीज में बेसन की रोटी ज्यादा फायदेमंद होती है।

गेहूं के साथ करें काले चने का आटा शामिल

डायबिटीज मरीज ब्लड शुगर को कंट्रोल करना चाहते हैं तो गेहूं के आटे में काले चने का आटा मिक्स करके बनाएं रोटी। चने का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बेहद कम होता है जिसका सेवन करने से ब्लड में शुगर का स्तर नॉर्मल रहता है। चने का आटा पोषक तत्वों का ख़ज़ाना है जिसमें भरपूर प्रोटीन और फाइबर मौजूद होता है। इस आटे में घुलनशील और अघुलनशील दोनों तरह का फाइबर मौजूद होता हैं जो ब्लड शुगर को नॉर्मल रखने में मदद करता है। अपने आटे में एक कप चने के आटे को शामिल करें ब्लड शुगर नॉर्मल रहेगा।

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