वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक सम्पन्न ।
रासायनिक खादों का प्रयोग कम करने की आवश्यकता है एवं गौवंश आधारित खेती को बढ़ावा देने की जरूरता है

रजनीश कुमार प्रजापति ब्यूरो चीफ (जस्टएक्शन)
गाजीपुर।कृषि विज्ञान केन्द्र, पी0जी0 कालेज, गाजीपुर की वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक दिनांक 16 फरवरी, 2024 को प्रशासनिक भवन में आयोजित की गयी। बैठक के दौरान केन्द्र के सीनियर साइंटिस्ट एण्ड हेड/प्रभारी एवं उद्यान विज्ञान विशेषज्ञ डॉ0 विनोद कुमार सिंह ने बैठक में उपस्थित अधिकारियों, वैज्ञानिकों, किसानों एवं सदस्यों का अभिवादन करते हुए प्रगति प्रतिवदेन जनवरी-दिसम्बर, 2023 एवं कार्य योजना जनवरी-दिसम्बर, 2024 प्रस्तुत करते हुए उद्यान विज्ञान द्वारा द्वारा की जा रही गतिविधियों की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की। साथ ही उन्होंने कृषि विज्ञान केन्द्र के बारे में बताया कि किसान भाईयों एवं महिलाओं को उद्यमी बनने की जरूरत है, जिससे किसानों को सर्वांगीण विकास हो सके। इसी क्रम में कृषि विज्ञान केन्द्र के मृदा विज्ञान डॉ0 डी0के0 सिंह, शस्य विज्ञान डॉ0 शिव कुमार सिंह, पशुचिकित्सा विज्ञान डॉ0 डी0पी0 श्रीवास्तव, पादप सुरक्षा डॉ0 ओमकार सिंह, गृह विज्ञान डॉ0 रागिनी दूबे ने अपने-अपने विषयों का प्रगति प्रतिवेदन एवं कार्य योजना प्रस्तुत की।
बैठक में जिला उद्यान अधिकारी डॉ0 एस0के0 दुबे ने बीज उत्पादन को बढ़ाया जाय, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी साथ ही राजस्व में भी वृद्धि होगी। ड्गैन फूट एवं स्ट्ावेरी की खेती को बढ़ावा देकर किसानों को प्रोत्साहित कर किसानों के प्रक्षेत्र पर करने की जरूरत है।
बैठक में मुख्य पशुचिकित्साधिकारी डॉ0 मनोज कुमार अवस्थी ने पशुपालन के क्षेत्र में कृषि विज्ञान केन्द्र अच्छा कार्य कर रहा है तथा उन्होने बकरी पालन, लेयर फार्मिंग तथा सेक्स सीमेन के उपयोग को वरीयता के आधार पर प्रसार किए जाने तथा देशी प्रजाति की गाय, भैंसों के संरक्षण पर विशेष जोर दिया, जिससे सेक्स सीमेन के द्वारा बछिया का उत्पादन कर गौशाला तथा आवारा पशुओं से निजात मिल सके। उन्होने कहा कि बकरियों में कृत्रिम गभाधान के दौरान उच्च गुणवत्ता वाले शुद्ध प्रजातियों को नवयुवक, नवयुवतियों हेतु प्रशिक्षण की सराहना करते हुए कहा कि यह तकनीकी हमारे बकरी पालकों को एक नई दिशा में सफलता का कदम है। पशुपालन के प्रशिक्षण काय्रक्रमों में सहभागिता हेतु पशुपालन विभाग को भी आमंत्रित किया जाय, जिससे नवीन तकनीकियों को किसानों तक ज्यादा से ज्यादा पहुॅचाया जा सके।
श्री पीयूष परमार, एल0डी0एम0, यूनियन बैंक ऑफ यूनियन बैंक ने बताया कि किसानों के लिए एग्रीकल्चर के क्षेत्र में 40 प्रतिशत तक ऋण उपलब्ध कराना है जिसमें 18 प्रतिशत कृषकों को वितरित किया जाना है। बैंक से सम्बन्धित समस्त समस्याओं के समाधान हेतु प्रयासरत हूॅ।
उप कृषि निदेशक श्री अतीन्द्र सिंह ने बताया कि ऐसी प्रजातियों को चयन किया जाय जो अधिकतम उत्पादन देने वाली हों और साथ ही बताया कि बीज उत्पादन करने के लिए अपर निदेशक कृषि एवं फार्म से सम्पर्क कर सब्सिडी एवं अनुदान राशि स्वयं व किसानों को उपलब्ध करा सकते हैं। किसानों की उत्पादन लागत कम करने की आवश्यकता हैं। श्री अन्न जैसे-बाजरा, कोदो, रागी, मडुआ, कुटकी, सॉवा का बीज पैदाकर किसानों में वितरित करने की आवश्यकता है, इसकी मॉग निरन्तर बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि रासायनिक खादों का प्रयोग कम करने की आवश्यकता है एवं गौवंश आधारित खेती को बढ़ावा देने की जरूरता है, यह उत्तर प्रदेश एवं भारत सरकार की मंशा है। कार्यक्रम का संचालन केन्द्र के फसल सुरक्षा वैज्ञानिक डॉ0 ओमकार सिंह ने किया। कार्यक्रम का धन्यवाद प्रकाश डॉ0 धर्मेन्द्र कुमार सिंह ने किया। बैठक में श्री संजय कुमार सिंह निदेशक, स्वरोजगार संस्थान यू0बी0आई0, गाजीपुर; यू0पी0 डास्प के श्री हरि गौतम; मत्स्य विभाग के आनन्द कुमार; गन्ना निरीक्षक श्री सुनील कुमार एवं महिला किसान मधु पाण्डेय, अर्चिता पाण्डेय, आशीष कुमार वाजपेयी, मनोज कुमार मिश्रा, आशुतोष सिह, डॉ0 पी0के0 सिंह, सुनील कुमार इत्यादि उपस्थित थे।