
शिवानी सिंह समाचार लेखक
श्रीलंका के खिलाफ जीत इंग्लैंड को काफी आगे नहीं ले जाएगी लेकिन यह उन्हें भारत और ऑस्ट्रेलिया जैसी टीमों के खिलाफ होने वाले मुकाबलों के लिए थोड़ी प्रेरणा दे सकती है। श्रीलंका के खिलाफ हार हालांकि बटलर की कप्तानी वाली इंग्लैंड की उम्मीदों को लगभग खत्म कर देगी।
विश्व कप के 25वें मुकाबले में गत विजेता इंग्लैंड और श्रीलंका के बीच मुकाबला खेला जाएगा। यह मैच बंगलुरू के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में गुरुवार (26 अक्तूबर) को होगा। इंग्लैंड के पास विश्वकप में अपने अभियान को पटरी पर लाने का यह संभवत: अंतिम मौका है। उसकी भिड़ंत टूर्नामेंट में जूझ रही एक अन्य टीम श्रीलंका से है। गत चैंपियन इंग्लैंड के चार मैच में श्रीलंका के समान दो अंक हैं और वे तालिका में नौवें स्थान पर हैं।
श्रीलंका के खिलाफ इंग्लैंड का विश्व कप में हालिया रिकॉर्ड अच्छा नहीं है। लंकाई टीम के खिलाफ 1999 में उसे पिछली जीत मिली थी। उसके बाद 2007, 2011, 2015 और 2019 में हार का सामना करना पड़ा था। 2003 में दोनों टीमें एक-दूसरे के खिलाफ नहीं खेली थीं। विश्व कप में अब तक दोनों के बीच 11 मैच खेले गए हैं। इनमें छह इंग्लैंड ने अपने नाम किया है। वहीं, श्रीलंका को पांच में जीत मिली है।
इंग्लैंड को हर विभाग में करनी होगी सुधार
श्रीलंका के खिलाफ जीत इंग्लैंड को काफी आगे नहीं ले जाएगी लेकिन यह उन्हें भारत और ऑस्ट्रेलिया जैसी टीमों के खिलाफ होने वाले मुकाबलों के लिए थोड़ी प्रेरणा दे सकती है। श्रीलंका के खिलाफ हार हालांकि बटलर की कप्तानी वाली इंग्लैंड की उम्मीदों को लगभग खत्म कर देगी। जल्दी बाहर होने से बचने के लिए इंग्लैंड को हर विभाग में सुधार की जरूरत है, विशेषकर उनके बल्लेबाजों को आक्रामक होने की जरूरत है।
इंग्लैंड के विस्फोटक बल्लेबाज हुए हैं फेल
ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच यहां खेले गए पिछले मैच में कुल 672 रन बने थे और इंग्लैंड के बल्लेबाज 10 अक्तूबर को बांग्लादेश के खिलाफ किए अपने प्रयास को दोहराना चाहेंगे जब उन्होंने धर्मशाला में नौ विकेट पर 364 रन बनाए थे। डेविड मलान और जो रूट को छोड़कर इंग्लैंड का कोई बल्लेबाज अब तक उम्मीद के अनुसार नहीं खेल पाया है। टीम को न्यूजीलैंड, अफगानिस्तान और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हार झेलनी पड़ी है। कप्तान जोस बटलर, हैरी ब्रूक, सैम कुरन, मोईन अली, क्रिस वोक्स और लियाम लिविंगस्टोन जैसे खिलाड़ियों से काफी उम्मीदें थी लेकिन उनमें से कोई भी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाया।
स्टोक्स पर सबकी नजर
इंग्लैंडज ने टूर्नामेंट की शुरुआत चार ऑलराउंडरों- वोक्स, मोईन, करन और लिविंगस्टोन के साथ की थी, लेकिन तीन मैच के बाद दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उनमें से किसी ने भी अंतिम एकादश में जगह नहीं बनाई। बेन स्टोक्स विशुद्ध बल्लेबाज के रूप में खेले। उनके ऊपर सबकी नजरें हैं। रीस टॉप्ली टूर्नामेंट में आठ विकेट के साथ इंग्लैंड के सबसे सफल गेंदबाज थे लेकिन यह तेज गेंदबाज तर्जनी में फ्रेक्चर के कारण टूर्नामेंट से बाहर हो गया है। लेग स्पिनर आदिल राशिद अब टीम के सबसे भरोसेमंद गेंदबाज हैं जिन्होंने अब तक छह विकेट लिए हैं और उनकी 5.18 की इकोनॉमी रेट टीम में सबसे अच्छी है।
गेंदबाजी बनी है श्रीलंका की कमजोर कड़ी
दूसरी ओर, श्रीलंका को भी पिछले मैच में नीदरलैंड पर पांच विकेट की जीत के दौरान काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। टीम ने चोट के कारण कप्तान दासुन शनाका और युवा तेज गेंदबाज मथीशा पथिराना को गंवा दिया है। लेकिन यह किसी नुकसान जैसा भी नहीं लगता क्योंकि वे दोनों काफी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे थे। श्रीलंका ने पथिराना के विकल्प के रूप में अनुभवी एंजेलो मैथ्यूज को टीम में शामिल किया है जबकि उसके पास दुष्मंता के रूप में तेज गेंदबाज उपलब्ध था।
श्रीलंका की परेशानी उसकी कमजोर गेंदबाजी है। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 428, पाकिस्तान के खिलाफ 345 और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 35.2 ओवर में 215 रन खर्च किए हैं। श्रीलंका के गेंदबाजों ने नीदरलैंड का स्कोर छह विकेट पर 91 रन कर दिया था लेकिन टीम 262 रन तक पहुंचने में सफल रही। बल्लेबाजी में श्रीलंका का शीर्ष क्रम अच्छा कर रहा है। सदीरा समरविक्रम और कुसाल मेंडिस शतक जड़ चुके हैं जबकि पथुम निसांका और चरित असलंका ने भी प्रभाव पारियां खेली हैं।