उत्तर प्रदेशलखनऊ

UP: पुराने समीकरण पर ही सपा ने खेला दांव, निवर्तमान बसपा सांसद को दिया टिकट, 2014 की तरह ही रोमांचक होगा चुनाव

समाजवादी पार्टी की ओर से रविवार को सात प्रत्याशियों की सूची जारी की गई। इसमें बहुप्रतिक्षित श्रावस्ती लोकसभा क्षेत्र भी शामिल है। यहां से निवर्तमान बसपा सांसद राम शिरोमणि वर्मा पर सपा ने भरोसा जताया है। इसकी संभावना पहले ही अमर उजाला ने जता दी थी। ऐसे में अब बसपा ने खेला किया तो 2014 की तरह ही चुनाव रोचक हो जाएगा।

सांसद राम शिरोमणि वर्मा को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में बसपा ने निष्कासित कर दिया था। इसके बाद से ही वह सपा के संपर्क में थे, वहीं भाजपा की ओर से साकेत मिश्रा को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद सपा और बसपा अपने पत्ते नहीं खोल रही थी

इसे लेकर अमर उजाला ने चार अप्रैल के अंक में पुराने समीकरण पर ही सपा लगा सकती है दांव शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया, जिसमें बताया गया था कि सपा कुर्मी, यादव व मुस्लिम समीकरण को साधने के लिए किसी कुर्मी बिरादरी को ही चुनाव लड़ा सकती है। रविवार को सपा की सूची भी उसी अनुरूप रही।

सपा ने राम शिरोमणि वर्मा को प्रत्याशी बनाकर 2019 की तरह ही एक बार फिर पुराने समीकरण को साधने का प्रयास किया है। तब सपा-बसपा गठबंधन में जिले की सीट बसपा के खाते में गई थी। इस बार जहां यह गठबंधन एक दूसरे के खिलाफ लड़ रहा है, वहीं सपा व कांग्रेस गठबंधन कर साथ-साथ मैदान में हैं।

ऐसे में यदि 2014 की तरह बसपा ने खेला किया तो सपा का खेल बिगड़ सकता है। असल में तब सपा ने माफिया अतीक अहमद को मैदान में उतारा था। पिछड़ा व अल्पसंख्यक समीकरण के सहारे सपा यहां से जीत के प्रति आश्वस्त थी। लेकिन ऐन वक्त पर बसपा ने कद्दावर लालजी वर्मा को मैदान में उतार सभी को चौंका दिया।

सपा-बसपा की रोमांचक लड़ाई में भाजपा के दद्दन मिश्रा ने बाजी मार ली। राजनीतिक जानकार यही मान रहे हैं कि सपा ने जिस तरह राम शिरोमणि के रूप में बसपा खेमे में सेंध लगाई है, उसी तरह बसपा भी बड़ा फैसला लेकर चौंका सकती है। ऐसे में चुनाव बेहद रोमांचक होगा।

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