UP: राम मंदिर का मॉडल बनाने के लिए दो दोस्तों ने लगाई मशीन, बेच चुके हैं 1400 मॉडल; पांच लोगों को दी नौकरी

Alisba
गोरखपुर में दो दोस्तों ने मिलकर 10.50 लाख रुपये की सीओ-2 लेजर कटिंग मशीन खरीदी। इससे से उन्होंने श्रीराम मंदिर का थ्रीडी और टू डी मॉडल बनाया। दो माह में 1400 से अधिक मॉडल बेच चुके हैं, जबकि उनके लिए मांग के अनुसार आपूर्ति कर पाना अब संभव नहीं है।
अयोध्या में श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से उभरती हुई बाजार में दो दोस्तों ने नई संभावना देखी और श्रीराम मंदिर का थ्रीडी और टू डी मॉडल बनाने का निर्णय किया। उन्होंने 10.50 लाख रुपये की सीओ-2 लेजर कटिंग मशीन खरीद ली और काम शुरू किया। यह सोच इतनी सार्थक साबित हुई कि उन्होंने अपनी आय बढ़ाने के साथ ही पांच अन्य युवाओं को रोजगार दे दिया है। दो माह में 1400 से अधिक मॉडल बेच चुके हैं, जबकि उनके लिए मांग के अनुसार आपूर्ति कर पाना अब संभव नहीं है।
शहर के शास्त्री चौक के पास फोटो और एल्बम फ्रेमिंग की दुकान चलाने वाले अभिषेक पांडेय ने बताया कि श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का अवसर आया तो उन्होंने अनुमान लगाया कि मंदिर के मॉडल की खूब बिक्री होगी। इस कारण उन्होंने अपने कार्य के तरीके में कुछ बदलाव करने का निर्णय किया। उन्होंने अपने दोस्त विकास श्रीवास्तव के साथ नया कार्य शुरू किया। उन्होंने कटिंग मशीन खरीदी और एमडीएफ शीट से कटिंग करके मॉडल बनाना शुरू किया। इसमें चीड़ की हल्की लकड़ी होती है, जो आसानी से कट जाती है।
उन्होंने बताया कि दो माह में 1400 मॉडल बेच चुके हैं, जबकि गोरखपुर के साथ ही आसपास के जिलों से इतनी मांग आ रही है कि पर्याप्त संख्या में मॉडल की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। पांच कारीगरों सहित सात लोग इस कार्य में लगे हैं। कटिंग मशीन के माध्यम से बारीकी से कार्य किया जाता है, जिसमें एक मॉडल बनाने में दो से ढाई घंटे लगते हैं।
मॉडल की कीमत
श्रीराम मंदिर के मॉडल के साथ गुरु गोरक्षनाथ एवं काशी के बाबा विश्वनाथ मंदिर के मॉडल भी बनाए जा रहे हैं। विभिन्न आकर के मॉडल की कीमत अलग अलग है। थ्रीडी मॉडल 2,500 से 10,000 रुपये और टू डी मॉडल 550 से 1800 रुपये में बिक रहे हैं।
कटआउट बनाने में भी उपयोगी
विकास श्रीवास्तव ने बताया कि माहौल को देखते हुए उन्होंने मंदिर के थ्रीडी मॉडल बनाने की योजना बनाई। इस मशीन का उपयोग कस्टमाइज गिफ्ट, दूल्हे-दुल्हन का कटआउट सहित अन्य कार्यों में होता था, जबकि इस दौर में इसका सबसे अधिक उपयोग मंदिर मॉडल बनाने में किया जा रहा है। जहां भी ध्वज सहित अन्य सामान बिक रहे हैं, वहां अयोध्या के मंदिर का माॅडल खरीदने वाले पहुंच रहे हैं। हर कोई मंदिर का मॉडल अपने घर में लगाना चाह रहे हैं। आज के दौर में यह सबसे महत्वपूर्ण उपहार बन गया है।