Ram Mandir: अयोध्या के बाद शांत नहीं बैठेगी विहिप, जानें 22 जनवरी के बाद काशी-मथुरा को लेकर क्या है प्लान?

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विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने अमर उजाला से विशेष बातचीत में कहा कि हिंदू समाज ने अयोध्या, काशी और मथुरा के मंदिर को लेकर अपना संकल्प व्यक्त किया था। अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही तीन में से एक संकल्प पूर्ण होने जा रहा है। अब हिंदू समाज अपने शेष मंदिरों के लिए प्रयास करेगा और उन्हें पूर्ण करेगा…
अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां अंतिम चरणों में हैं। विश्व हिंदू परिषद और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पूरी तैयारियों में जुटे हैं। विश्व हिंदू परिषद के एजेंडे में अयोध्या का राम मंदिर ही नहीं, बल्कि इसके बाद भी बहुत कुछ है। विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने अमर उजाला से विशेष बातचीत में कहा कि हिंदू समाज ने अयोध्या, काशी और मथुरा के मंदिर को लेकर अपना संकल्प व्यक्त किया था। अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही तीन में से एक संकल्प पूर्ण होने जा रहा है। अब हिंदू समाज अपने शेष मंदिरों के लिए प्रयास करेगा और उन्हें पूर्ण करेगा।
सवाल: लंबे संघर्ष के बाद राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। मंदिर निर्माण की इस संघर्ष यात्रा को आप किस रूप में देखते हैं?
जवाब: हिंदू समाज करीब 500 वर्षों से इस मंदिर की लड़ाई लड़ रहा था। इसमें लाखों लोगों ने अपना बलिदान दिया। विश्व हिंदू परिषद पूज्य संतों के आदेश से इस आंदोलन के साथ जुड़ी। यह श्रीराम की ही कृपा थी कि हम सड़क से लेकर न्यायालय तक ये लड़ाई सफलतापूर्वक लड़ पाए। सुप्रीम कोर्ट ने यह भूमि हिंदुओं को सौंप दी। कोर्ट के आदेश से केंद्र सरकार ने एक ट्रस्ट का निर्माण किया। ट्रस्ट अब मंदिर का निर्माण कर रहा है। 22 जनवरी को पीएम नरेंद्र मोदी, संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत और हजारों संतों के अलावा हर क्षेत्र के प्रतिष्ठित महानुभावों की मौजूदगी में प्राण प्रतिष्ठा का भव्य कार्यक्रम संपन्न होगा। 22 जनवरी का दिन सभी हिंदुओं के लिए अत्यंत हर्ष और सम्मान का दिन है।
सवाल: 22 जनवरी का दिन भारत और विदेश में कैसे मनाए जाने की तैयारी है?
जवाब: भारत के विभिन्न राज्यों के करीब पांच लाख मंदिरों में एक ही दिन एक ही समय में पूजा-अर्चना का कार्यक्रम संपन्न होगा। सभी मंदिरों में एक साथ आरती होगी। रात को शहरों के बाजारों और घरों में दीपावली मनाई जाएगी। यह दीपोत्सव इसलिए मनाया जा रहा है क्योंकि भगवान राम 500 वर्षों के बाद अपने घर में लौट रहे हैं। भारत के अलावा अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, दुबई, अफ्रीका के कई देशों में भी यह दीपोत्सव मनाया जाएगा। करीब 55 देशों में यह कार्यक्रम मंदिरों में मनाया जाएगा। इन्हीं देशों के कई गणमान्य लोगों को भी आमंत्रित भी किया गया है।
सवाल: जो कारसेवक शहीद हुए, उनके सम्मान या उन्हें याद करने के लिए विहिप क्या करने जा रही है?
जवाब: मैं शहीद शब्द का उपयोग नहीं करूंगा। उनके लिए हुतात्मा या बलिदान शब्द ठीक रहेगा। प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में बलिदानी कारसेवकों के परिवारों को भी बुलाया गया है। उनका इस कार्यक्रम में बहुत बड़ा योगदान हैं उनका स्मरण भी यहां होगा।
सवाल: विश्व हिंदू परिषद का बहुत बड़ा सपना 22 जनवरी को पूरा होने जा रहा है। इसके बाद विहिप की आगे क्या योजना रहेगी?
जवाब: वर्ष 2024 विश्व हिंदू परिषद के लिए बहुत अहम हैं। पहला राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा और दूसरा विहिप की स्थापना के 60 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। हमारा संकल्प है कि आने वाले दिनों में हम लोग संगठन को करीब एक लाख स्थानों तक ले जाएंगे। विहिप के कामकाज की दृष्टि से हमने देश को 1100 जिलों में बांटा है। विहिप अभी 400 जिलों के कमजोर तबकों में स्वास्थ्य, शिक्षा और आर्थिक क्षेत्र में सुधार के लिए काम कर रहा है। हमारा संकल्प है कि आने वाले दिनों में हमारा यह कार्य आठ सौ जिलों तक पहुंचे। हमारा तीसरा संकल्प है कि मंदिरों की सरकारी नियंत्रण से मुक्ति हो। इसके अलावा देश में गौहत्या रोकने के लिए केंद्रीय स्तर पर कानून का निर्माण हो। आने वाले दिनों में विहिप धर्मांतरण रोकने के लिए जनजागरण अभियान शुरू करेगी। साथ ही राष्ट्रीय स्तर और राज्य स्तर पर कानून बने इसके लिए भी प्रयास करेगी।