उत्तर प्रदेशलखनऊ

UPSC टीचर विकास दिव्‍यकीर्ति ने कहा- बच्‍चों को डॉक्‍टर आईएएस नहीं ये बनाएं मां-बाप, सफलता खुद चलकर आएगी

यूपीएससी टीचर विकास दिव्‍यकीर्ति से जानें कि बच्‍चों को एक अच्‍छा इंसान बनाना चाहिए या फिर उन्‍हें अपने करियर और लाइफ में सक्‍सेसफुल बनने पर ध्‍यान देना चाहिए।

हर मां-बाप चाहते हैं कि उनका बच्‍चा अपनी जिंदगी और करियर में सफल बने और इसकी शुरुआत मां-बाप भी अपने बच्‍चे के पैदा होने के बाद से ही शुरू कर देते हैं। उसका अच्‍छे स्‍कूल में एडमिशन करवाते हैं, उसके लिए ट्यूशन लगवाते हैं और उसकी हर जरूरत हो पूरा करने की कोशिश करते हैं। पैरेंट्स चाहते हैं कि उनका बच्‍चा एमबीबीएस करे या इंजीनियर बने।

मां-बाप की इस अपेक्षा को लेकर यूपीएससी टीचर विकास दिव्‍यकीर्ति का कहना है कि अगर आपका बच्‍चा पढ़ाई में कुछ अच्‍छा कर लेता है, तो यह अच्‍छी बात है लेकिन अगर वो आपकी मर्जी के हिसाब से अपने करियर में कुछ नहीं बन पाया या कुछ हासिल नहीं कर पाया, तो इसमें बुरी बात नहीं है। विकास दिव्‍यकीर्ति का कहना है कि आपके लिए यह ज्‍यादा बड़ी बात है कि आपका बेटा या बेटी एक कायदे का इंसान बनेगा या नहीं। उनके इस कथन का मतलब है कि मां-बाप को अपने बच्‍चे को एक सफल इंसान बनाने से ज्‍यादा ध्‍यान उसे एक अच्‍छा इंसान बनाने पर देना चाहिए। जानिए कि किस तरह आप अपने बच्‍चे को एक अच्‍छा इंसान बना सकते हैं

ग्रेजुएट स्कूल ऑफ एजुकेशन के हार्वर्ड मनोवैज्ञानिक रिचर्ड वीसबर्ड ने कुछ ऐसे तरीके बताए हैं जिनकी मदद से आप अपने बच्‍चे को एक अच्‍छा इंसान बनाने के साथ-साथ उसे दयालु और दूसरों के साथ सहानुभूति रखने वाला भी बना सकते हैं। पैरेंट्स को दूसरों से पहले अपने बच्‍चों की खुशी पर ध्‍यान देना चाहिए लेकिन बच्‍चों को सिखाना चाहिए कि उन्‍हें अपनी और दूसरों की जरूरतों के बीच में संतुलन बनाकर चलना है। जैसे कि अगर उसके किसी दोस्‍त को बुली किया जा रहा है, तो बच्‍चे को उसकी मदद के लिए आगे आना चाहिए।

अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्‍चा एक ऐसा इंसान बने जिसे दूसरों की परवाह हो और जिसके दिल में दूसरों के लिए प्यार और दया की भावना हो, तो आप बच्‍चे को यह चीजें सीखने में मदद करें। इसके लिए आप बच्‍चे के सामने ऐसे अवसर पैदा करें, जहां उसे दूसरों की केयर करने की जरूरत हो।

हम खुद अपनी और अपनों की केयर और परवाह करते हैं और बच्‍चे को भी यही सिखाते हैं कि उसे अपने परिवार और दोस्‍तों की केयर करनी है लेकिन आपको बच्‍चे का यह दायरा बढ़ाना चाहिए। उसे गरीबों और जरूरतमंद लोगों की मदद करना सिखाएं। उसे बताएं कि उनकी मदद करना कितना जरूरी है।

बच्‍चे को बताएं कि गुस्‍सा करना या शर्मिंदा महसूस करना सामान्‍य बात है लेकिन उनके साथ किस तरह से डील करना है, यह अहम है। आप बच्‍चे को अपनी भावनाओं को समझने में मदद करें।

बच्‍चों के लिए उनके सबसे पहले टीचर और रोल मॉडल उनके पैरेंट्स ही होते हैं इसलिए आप अपने बच्‍चे के सामने अपना बेस्‍ट देने की कोशिश करें।

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