पीएम मोदी के लिए शहबाज़ शरीफ़ की एक लाइन के जवाब की चर्चा क्यों

पाकिस्तान के फिर से प्रधानमंत्री बने शहबाज़ शरीफ़ ने भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी की बधाई पर जो जवाब दिया है, उसकी चर्चा पाकिस्तान के मीडिया में हो रही है.
पिछले हफ़्ते शहबाज़ शरीफ़ ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी.
शरीफ़ के शपथ लेने के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट कर बधाई दी थी.
पीएम मोदी ने पांच मार्च को ट्वीट किया था, ”पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने की बधाई शहबाज़ शरीफ़.”
शहबाज़ शरीफ़ ने इस बधाई के दो दिन बाद सात मार्च को ट्वीट किया, ”मेरे पाकिस्तान के पीएम चुने जाने पर बधाई देने के लिए शुक्रिया नरेंद्र मोदी.”
छोटी सी बधाई का छोटा सा जवाब दिए जाने पर लोगों का ध्यान इस वजह से भी जा रहा है क्योंकि आमतौर पर किसी नेता के राष्ट्रप्रमुख बनने पर दी जाने वाली बधाई कुछ लंबी होती है.
इन बधाई संदेशों में दोनों देशों के संबंधों को बेहतर करने जैसी बातें भी की जाती हैं.
मगर पाकिस्तान भारत के मामले में ये बधाई सिमटकर एक छोटी लाइन पर रह गई है.
पाकिस्तान में कुछ मीडिया संस्थान इस पर रिपोर्ट्स कर रहे हैं. साथ ही कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में पीएम मोदी के कश्मीर दौरे का भी ज़िक्र है.
क्या कह रहा है पाकिस्तान का मीडिया
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएम मोदी के छोटे से बधाई संदेश पर क्या जवाब दिया जाए, इसके लिए सरकार में चर्चा हुई थी. इस चर्चा की वजह पीएम मोदी की छोटी सी बधाई थी.
अतीत में जब शहबाज़ शरीफ़ प्रधानमंत्री बने थे, तब पीएम मोदी ने ‘हिज एक्सीलेंसी’ यानी महामहिम शब्द का इस्तेमाल किया था. इस बार ऐसा नहीं हुआ.
इसके अलावा पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में पाकिस्तान के साथ शांति स्थापित किए जाने जैसी कोई बात नहीं की. पीएम मोदी ने आतंकवाद जैसे शब्दों का इस्तेमाल भी नहीं किया, जिसका इस्तेमाल वो अतीत में करते रहे हैं.
अख़बार सूत्रों के हवाले से लिखा है कि शहबाज़ शरीफ़ को सलाह दी गई थी कि वो मोदी को वैसी ही प्रतिक्रिया दें, जैसे मोदी ने दी है.
शरीफ़ एक तरफ ऐसी प्रतिक्रिया दे रहे थे, दूसरी तरफ़ पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मुमताज़ ज़हरा बलोच ने कहा- पाकिस्तान भारत समेत अपने सारे पड़ोसियों से हमेशा अच्छा रिश्ते चाहता है.
मुमताज़ ज़हरा कहती हैं, ”रिश्ते बराबरी और सम्मान पर आधारित होने चाहिए. आतंकवाद, बेगुनाहों की हत्या और दूसरे देश में घुसकर भारत के हत्या किए जाने जैसे मुद्दे पाकिस्तान के लिए चिंता भरे मुद्दे हैं. जब भी कभी ऐसी कोई बात होगी, कश्मीर हमेशा हमारी प्राथमिकता में रहेगा.
शहबाज़ शरीफ़ के राज में भारत से संबंध कैसे होंगे”
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से भारत से आने वाले दिनों में संबंधों पर भी बात की गई.
मुमताज़ ज़हरा ने कहा, ”जैसा कि आप जानते हैं कि अब तक कैबिनेट का गठन नहीं हुआ है. एक बार कैबिनेट का गठन हो जाए तब पाकिस्तान की विदेश नीति को लेकर दिशा निर्देश सामने होंगे. तब हम उन जवाबों को दे पाने की बेहतर स्थिति में होंगे कि आने वाले दिनों में पाकिस्तान से भारत के संबंध कैसे होंगे.”
माना जा रहा है कि पाकिस्तान की नई कैबिनेट में पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज़ के वरिष्ठ नेता इशाक़ डार को बतौर विदेश मंत्री जगह दी जा सकती है.
इशाक़ डार ने पीएम मोदी के कश्मीर दौरे पर भी टिप्पणी की और इसे कश्मीर में हालात सामान्य बताने की भारत की कोशिश बताया.
वो कहते हैं, ”हमारा मानना है कि हालात सामान्य बताने की कोशिश सच्चाई नहीं है. जहां स्थानीय लोगों के पास आज़ादी और अधिकार नहीं हैं, वहां पर्यटन को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता.”
सात मार्च को पीएम मोदी कश्मीर के दौरे पर थे. साल 2019 में अनुच्छेद 370 को ख़त्म किए जाने के बाद ये पहली बार था, जब पीएम मोदी कश्मीर के दौरे पर थे.