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किसानों के लिए 3 दिन में आई दूसरी खुशखबरी, 6 साल बाद मोदी सरकार लेने जा रही यह बड़ा फैसला

MSP on sugar: इस नए नीति से खासकर यूपी और बिहार के किसानों (Farmers of UP and Bihar) को फायदा होगा। गन्ना के एकीकृत विकास की ओर यह कदम महत्वपूर्ण है।

Trends Of Discover, नई दिल्ली: किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी के रूप में पेश हो रहा है कि मोदी सरकार गन्ने की खेती (sugar cane field) को बढ़ावा देने के लिए तैयारी में है। इस नए नीति से खासकर यूपी और बिहार के किसानों (Farmers of UP and Bihar) को फायदा होगा। गन्ना के एकीकृत विकास की ओर यह कदम महत्वपूर्ण है। गन्ना, भारतीय किसानों की सबसे पसंदीदा नकदी फसलों में से एक है। इसलिए, इस नए पहल के माध्यम से किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार करने का लक्ष्य है।

50 लाख किसानों को फायदा

इस्‍मा ने कहा है कि चीनी का MSP बढ़ाए जाने से मिलों के पास 10 हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्‍त पूंजी आएगी और वे किसानों का बकाया पैसा जल्‍दी चुका सकेंगे. इसका फायदा सीधे तौर पर 50 लाख किसानों को मिलेगा. आर्थिक मामलों की कैबिनेट ने भी चीनी पर 10.25 फीसदी फेयर रिटेल प्राइज FRP बढ़ाने को मंजूरी दे दी है. खाद्य सचिव ने कहा कि चीनी मिलें अगर फर्टिलाइजर्स कंपनियों को पोटाश बेचें तो भी उन्‍हें अतिरिक्‍त रेवेन्‍यू मिल सकेगा.

किसानों को कैसे मिलेगा फायदा

सरकार ने जून, 2018 में पहली बार चीनी पर MSP लागू किया था. इसका मकसद चीनी मिलों को उनकी लागत का सही मूल्‍य दिलाना था, ताकि गन्‍ना किसानों का बकाया चुकाया जा सके और उन्‍हें समय पर पैसे का भुगतान हो. यह बात तो सभी जानते हैं कि मिलों के पास किसानों का हजारों करोड़ रुपये का भुगतान बकाया चल रहा था. 2018 में MSP लागू होने के बाद किसानों के भुगतान में भी तेजी आई है.

गन्‍ने पर बढ़ाया था रिकॉर्ड FRP

इससे पहले सरकार ने बुधवार को गन्‍ने का न्‍यूनतम खुदरा मूल्‍य 8 फीसदी बढ़ा दिया था. यह हाल के वर्षों में की गई सबसे बड़ी बढ़ोतरी थी. गन्‍ना सीज 2024-25 के लिए किसानों को प्रति क्विंटल 340 रुपये का भुगतान किया जाएगा. बीते साल सरकार ने गन्‍ने का FRP महज 3 फीसदी ही बढ़ाया था, जबकि इस बार इसका करीब 3 गुना बढ़ा दिया गया है.

गन्‍ने के आधार पर बढ़ेगा चीनी का मूल्‍य

चीनी मिल संगठन का कहना है कि हमने सरकार से गन्‍ने की कीमत के आधार पर चीनी का एमएसपी बढ़ाने की गुहार लगाई है. इसमें खेती की लागत और कीमत के अलावा उद्योगों के खर्च को भी शामिल करने का आग्रह किया है. इस लिहाज से चीनी का MSP 3,900 रुपये प्रति क्विंटल होना चाहिए, क्‍योंकि गन्‍ने का MSP 340 रुपये प्रति क्विंटल पहुंच चुका है. चीनी का MSP बीते 6 साल से यानी 2018 से ही नहीं बढ़ा है, जो 3,100 रुपये पर स्थिर है.

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