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मृत्यु पर गम बांटिए… सामाजिक भोज नहीं! बदलाव के लिए एक पहल जरूरी: सन्तोष यादव

मृत्यु भोज कुप्रथा बंद होनी ही चाहिए: भरत यादव

रजनीश कुमार प्रजापति ब्यूरो चीफ (जस्ट एक्शन)

गाज़ीपुर। गाजीपुर जनपद में इन दिनों मृत्यु भोज पर रोक को ले करके अनेको मामले सामने आ रहे हैं हम आपको बता दें कि करंडा थाना क्षेत्र के सोकनी गांव निवासी सुबास यादव और राम निवास ने अपने पिता स्व. बृजमंगल यादव की मृत्यु के बाद मृत्यु भोज पर रोक लगाने का निर्णय लिया है। शोक के माहौल में मृत्यु भोज पर रोक लगाने को लेकर लोगों की जबरदस्त सहमति देखने को मिल रही है। इसके साथ ही समाज भी आगे आ रहा है। गाजीपुर जनपद के यादव महासभा जिला अध्यक्ष भरथ यादव का कहना है कि मृत्यु भोज कुप्रथा बंद होनी ही चाहिए। जो बरसों से परंपरा बनी हुई है। जिले में कई ऐसे लोग हैं, जो अच्छी पहल करते हुए मृत्युभोज पर प्रतिबंध लगा रहे है। सपा के जिलाध्यक्ष गोपाल यादव ने कहा कि समाज में एक अच्छी पहल को सभी लोगो को स्वीकार करना चाहिए। अपने प्रिय जनो को खोने का दर्द अभी मिटा नहीं जोकि ऐसी परंपरा को खत्म करना चाहिए। सर्व समाज के लोगों का कहना है कि समय एवं परिस्थिति को देखकर शोक संतप्त परिवार मृत्यु भोज को बंद करें या बहुत जरूरी होने पर संक्षिप्त रुप में अपने परिवार में ही सीमित रखें। इसे सामूहिक सामाजिक भोज का रुप न दें, यह कोई आवश्यक नहीं है। यदि हो सके तो मृत्यु भोज के अवसर पर दीनहीन, असहाय, गरीबजनों को भोजन, वस्त्र देकर दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित करें। कार्यक्रम का सफल संचालन सन्तोष यादव ने किया। इस मौके पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने वालो मे परिजनो के साथ सपा जिला अध्यक्ष गोपाल यादव, पूर्व सांसद राधेमोहन,पूर्व प्रत्याशी लोकसभा संतोष यादव, सच्चे लाल यादव, उमाशंकर कुशवाहा, बलिराम यादव, प्रभुनाथ यादव, राजेंद्र यादव, राधेश्याम यादव, पंकज यादव, छात्र नेता हरेंद्र यादव, प्रवीण यादव, कन्हैया यादव, भरत यादव, राम विजय यादव, मारकंडे यादव, अनीता यादव, अनुज यादवऔर सुजीत यादवआदि लोग रहे।

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