चंद्रशेखर आजाद की चेतावनी, “मुसलमानों को शूद्र बनाने का हो रहा प्रयास”
अगड़ा हो या पिछड़ा, जो सरकार की सोच के साथ नहीं, उसे बनाया जा रहा निशाना

लखनऊ। आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने शनिवार को राजधानी में आयोजित “मुस्लिम संवाद: समस्या और समाधान” कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार पर तीखा हमला बोला है। राजधानी के अटल बिहारी वाजपेयी साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने मुसलमानों, अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्गों के खिलाफ हो रहे अन्याय को उजागर करते हुए संवैधानिक मूल्यों की रक्षा का आह्वान किया।
संविधान का खुला उल्लंघन
चंद्रशेखर ने कहा, “मुसलमानों को शूद्र बनाने का प्रयास हो रहा है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में मुसलमानों की दुकानें बंद कराई जा रही है, यह संविधान का खुला उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि हर जख्म का हिसाब होगा।” उन्होंने मुस्लिम समाज से अपील की, “इस लड़ाई में आप हमारे साथ खड़े हो जाइए, और जब जरूरत पड़े, आगे बढ़कर आवाज उठाइए।”
अगड़ा हो या पिछड़ा, जो सरकार की सोच के साथ नहीं, उसे बनाया जा रहा निशाना
उन्होंने बीजेपी की नकारात्मक राजनीति को देश के लिए हानिकारक बताते हुए कहा, “अगर मुसलमान बीजेपी को वोट देने लगें, तो यह पार्टी सबसे निचले स्तर पर पहुंच जाएगी। उन्होंने कहा कि सकारात्मक राजनीति ही देश को बचा सकती है।” उन्होंने पिछड़े वर्गों के साथ हो रहे अत्याचारों, जैसे कथा करने पर चोटियां काटने की घटनाओं का जिक्र किया और कहा, “शोषण किसी एक वर्ग तक सीमित नहीं। अगड़ा हो या पिछड़ा, जो सरकार की सोच के साथ नहीं, उसे निशाना बनाया जा रहा है।”
यहां बराबरी का अधिकार
चंद्रशेखर ने पार्टी के संविधान की जानकारी देते हुए कहा है कि यहां बराबरी का अधिकार है। कहा कि, “हमारी पार्टी में अनुसूचित जाति, पिछड़ा और मुस्लिम को समान हक दिया गया है। आज की चर्चा को हम चुनावी मैनिफेस्टो में शामिल करेंगे, ताकि उत्तर प्रदेश के स्कूल, कॉलेज, किसान, नौजवान और पिछड़ों का भविष्य सुरक्षित हो।” उन्होंने चेतावनी दी, “सत्ता लोगों के हक छीन सकती है, लेकिन लोकतंत्र में वोट ही शासन तय करता है। गुलाम भारत में राजा रानी के पेट से पैदा होता था, लेकिन आजाद भारत में भी कुछ लोग राजतंत्र की तरह जी रहे हैं। उन्होंने “इस संवाद ने न केवल सामाजिक अन्याय के खिलाफ एकजुटता का संदेश दिया, बल्कि आगामी चुनावों में संविधान की रक्षा और वंचित वर्गों के हक के लिए संघर्ष का आह्वान भी किया। चंद्रशेखर की यह हुंकार सत्ता को चुनौती देने का स्पष्ट संदेश दे रही है।