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भाजपा ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर प्रतिनिधिमंडल के लिए थरूर को नामित न करने पर कांग्रेस से किया सवाल

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत का संदेश पहुंचाने के लिए विदेश में राजनयिक संपर्क प्रतिनिधिमंडलों के लिए कांग्रेस द्वारा नेताओं की पसंद पर शनिवार को सवाल उठाया और आश्चर्य जताया कि क्या उसने पार्टी सांसद शशि थरूर को इसलिए नामित नहीं किया क्योंकि वे आलाकमान से बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।

सरकार ने विदेश मामलों पर संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष थरूर को आतंकवाद को समर्थन देने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ भारत का रुख रखने के वास्ते विदेश जाने वाले सात बहुदलीय प्रतिनिधिमंडलों में से एक का नेतृत्व करने के लिए नामित किया है।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी की तरफ से पाक प्रायोजित आतंकवाद पर भारत का रुख रखने के लिये चार नेताओं पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा, लोकसभा में पार्टी के उपनेता गौरव गोगोई, राज्य सभा सदस्य सैयद नासिर हुसैन और लोकसभा सदस्य अमरिंदर सिंह राजा वडिंग को नामित किया गया है।

रमेश के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “शशि थरूर की वाकपटुता, संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी के रूप में उनके लंबे अनुभव और विदेश नीति के मामलों पर उनकी गहरी अंतरदृष्टि को कोई नकार नहीं सकता।”

उन्होंने कहा, “तो फिर कांग्रेस पार्टी – और विशेषकर राहुल गांधी – ने प्रमुख मुद्दों पर भारत की स्थिति स्पष्ट करने के लिए विदेश भेजे जाने वाले बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल में उन्हें नामित क्यों नहीं किया?” उन्होंने कहा, “क्या यह असुरक्षा है? ईर्ष्या है? या फिर ‘हाईकमान’ से बेहतर दिखने वाले किसी भी व्यक्ति के प्रति असहिष्णुता है?”

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा, “इसलिए, जयराम रमेश अपने ही कांग्रेसी शशि थरूर को संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए चुने जाने का विरोध कर रहे हैं।” भंडारी ने पूछा, “राहुल गांधी भारत के लिए बोलने वाले हर व्यक्ति से नफरत क्यों करते हैं, यहां तक ​​कि अपनी पार्टी में भी?” ‘एक्स’ पर एक अन्य पोस्ट में मालवीय ने आरोप लगाया कि भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए कांग्रेस की तरफ से दिये गये विकल्प न केवल “चौंकाने वाले” हैं, बल्कि “गंभीर रूप से संदिग्ध” भी है।

भाजपा नेता ने कहा, “उदाहरण के लिए, भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतिनिधिमंडल में सैयद नासिर हुसैन को शामिल करना, वाकई चौंकाने वाला है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि यह उनके समर्थक ही थे जिन्होंने राज्यसभा में उनकी जीत का जश्न मनाते हुए विधान सौध के अंदर “पाकिस्तान जिंदाबाद” के नारे लगाए थे।”

उन्होंने बताया कि बेंगलुरु पुलिस ने फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) की रिपोर्ट, परिस्थितिजन्य साक्ष्य और गवाहों के बयानों के आधार पर घटना के सिलसिले में तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। मालवीय ने कहा, “गौरव गोगोई के बारे में जितना कम कहा जाए, उतना अच्छा है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने गोगोई पर पाकिस्तान में 15 दिन बिताने का आरोप लगाया है और कहा है कि अटारी सीमा पर उनके आगमन और प्रस्थान को आधिकारिक रूप से दर्ज किया गया था।”

असम के मुख्यमंत्री द्वारा गोगोई और उनकी पत्नी के खिलाफ लगाए गए अन्य आरोपों का जिक्र करते हुए भाजपा नेता ने पूछा, “ऐसे गंभीर आरोपों का सामना कर रहे सांसदों पर भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए कैसे भरोसा किया जा सकता है, खासकर पाकिस्तान से जुड़े मामलों में?” मालवीय ने कहा, “कांग्रेस क्या संदेश देना चाह रही है और वास्तव में किसके हित सध रहे हैं?”

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