Entrepreneurship मॉडल से आत्मनिर्भर और सशक्त बने युवा, पूरे देश के लिए मिसाल बन रही योगी सरकार

लखनऊ। योगी सरकार ने युवाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में मुख्यमंत्री युवा उद्यमी (सीएम युवा) योजना के माध्यम से उद्यमिता का मॉडल राज्य बना दिया है। अब तक सरकार 53 हजार से अधिक युवाओं के ऋण आवेदनों को स्वीकृत करते हुए 40 हजार को ऋण वितरित भी कर चुकी है।
योजना को पूरे देश के लिए एक मिसाल माना जा रहा है, जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आत्मनिर्भर भारत के विजन को साकार कर रही है। योजना के तहत बिना ब्याज और बिना गारंटी के 5 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान किया जाता है, जिससे युवा सूक्ष्म और लघु उद्योग स्थापित कर अपने सपनों को उड़ान दे रहे हैं।
कानपुर नगर सबसे आगे, टॉप-5 में बरेली और आगरा
योजना के तहत ऋण वितरण में कानपुर नगर सबसे आगे है, जहां 1339 युवाओं ने इस योजना का लाभ उठाया है। इसके बाद बरेली (1032), आगरा (1016), महाराजगंज (988), और वाराणसी (961) टॉप-5 जिलों में शामिल हैं।
10 लाख युवाओं को स्वरोजगार का लक्ष्य
हर कदम उद्यमिता की ओर, हर युवा आत्मनिर्भरता की ओर के मिशन के साथ शुरू की गई इस योजना का लक्ष्य अगले 10 वर्षों में 10 लाख युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना है। उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन निदेशालय के अनुसार 16 मई 2025 तक इस योजना के तहत कुल 2,44,045 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 1,10,105 आवेदनों को बैंकों को अग्रेषित किया गया। इनमें से 53,649 आवेदनों को स्वीकृति मिल चुकी है और 39,835 युवाओं को अब तक ऋण वितरित किया जा चुका है।
महिलाओं और पिछड़े वर्गों को विशेष प्रोत्साहन
योजना की खासियत है कि इसमें महिलाओं और पिछड़े वर्गों को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जा रहा है। ऋण प्राप्त करने वालों में लगभग 30 प्रतिशत महिलाएं हैं, जो उद्यमिता के क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं। इसके अलावा, 48.5 प्रतिशत से अधिक लाभार्थी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से हैं, जबकि 15 प्रतिशत अनुसूचित जाति (एससी) और 2.5 प्रतिशत अल्पसंख्यक समुदाय के युवाओं को इस योजना का लाभ मिला है। यह समावेशी दृष्टिकोण योजना को और भी प्रभावी बनाता है।