उत्तर प्रदेशलखनऊ

गोरखपुर में फर्जी स्टांप मामला: तीन और माफिया निशाने पर, मास्टरमाइंड ने उगले राज

Alisba

एएसपी मानुष पारिक ने कहा कि फर्जी स्टांप के मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। आरोपी ने पूछताछ में कई जानकारियां दी है, जिसके आधार पर एसआईटी आगे की जांच कर रही है। जांच व साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

फर्जी स्टांप मामले के शुक्रवार को गिरफ्तार मास्टरमाइंड रविदत्त मिश्र ने पुलिस की पूछताछ आ में तीन माफिया के नाम उगले हैं। ये तीनों अब पुलिस के निशाने पर हैं। पुलिस नोटिस भेजकर सबको पूछताछ के लिए बुलाने की तैयारी में है। इसके अलावा पुलिस के रडार पर कई और वेंडर भी आ गए हैं। पुलिस का दावा है कि जल्द ही इस पूरे मामले का खुलासा कर देगी।

पुलिस ने मास्टर माइंड से जब पूछताछ शुरू की तो उसने इस नेटवर्क में कचहरी के अंदर और बाहर एक गिरोह के शामिल होने की जानकारी दी। पुलिस ने अब उन सभी का इतिहास खंगालना शुरू कर दिया है।

सूत्रों की माने तो तीन माफिया से मिलकर मास्टरमाइंड पूरे नेटवर्क चलाता है। यही नहीं पुलिस को इस बात के सबूत मिले हैं कि यह नेटवर्क जिले के बाहर भी काम कर रहा है। पूछताछ और सबूतों के आधार पर पुलिस अब पूरे नेटवर्क के खुलासे में लग गई है।

मास्टरमाइंड ने जितने लोगों के नाम उग्रले हैं सभी से पूछताछ के बाद पुलिस को उम्मीद है कि पूरा खेल सामने आ जाएगा। इन सभी के मोबाइल के कॉल डिटेल भी निकाले जा रहे है ताकि पत्ता चल सके कि इसमें कौन-कौन शामिल है।

आरोपी को लगा था नहीं होगी जांच

कोर्ट में फीस के रूप में स्टांप जमा किया है। केस में मेरिट के आधार पर निस्तारण होने पर कोर्ट फीस वापस नहीं होती है। अभियुक्त ने इसी बात का फायदा उठाने के उद्देश्य से फर्जी स्टांप बेचे थे। चूंकि वाद में सुलह समझौता के आधार पर मुकदमे का निस्तारण लोक अदालत में हुआ था। उसे लगा कि अब स्टांप वापस तो होगा नहीं और वह आसानी से बच जाएगा। इसकी जांच होनी नहीं है। लेकिन, एक पक्ष ने रिफंड दाखिल किया तो फर्जीवाड़ा सामने आ गया।

 

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