सीएम योगी बोले: गर्मी में हो निर्बाध जलापूर्ति, जहां पाइपलाइन के लिए सड़कें खोदी गईं वहां करें तत्काल मरम्मत; जनप्रतिनिधि करें निरीक्षण

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नदी पुनरुद्धार के लिए मंडलायुक्तों की जिम्मेदारी तय करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही इस वर्ष पौधरोपण कार्यक्रम विशेष रूप से नदियों के किनारे केंद्रित करने और जनसहभागिता बढ़ाने को कहा। योगी बुधवार को अपने सरकारी आवास पर नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की समीक्षा कर रहे थे।
सीएम ने कहा कि नदियों को हमने अनियोजित शहरीकरण और प्रदूषण के हवाले कर दिया। संकटग्रस्त नदियों के पुनर्जीवन को जनांदोलन बनाना होगा। इसे केवल परियोजना नहीं, बल्कि सामाजिक-सांस्कृतिक चेतना और जिम्मेदारी के रूप में स्वीकार करें। लखनऊ की गोमती, गाजियाबाद की हिंडन, काशी की वरुणा समेत प्रदेश की सभी नदियों के पुनर्जीवन के लिए मिशन मोड में कार्य करना होगा।
जल जीवन मिशन एवं हर घर नल योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि दुर्गम क्षेत्रों में कार्यों की गुणवत्ता, समयबद्धता और रखरखाव की जिम्मेदारी तय की जाए। बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में योजना के प्रभाव का मूल्यांकन किसी प्रतिष्ठित संस्था से कराएं ताकि इससे सामाजिक ताने-बाने में सकारात्मक परिवर्तन का पता लग सके। गांवों में जल समितियों को सक्रिय कर जनसहभागिता बढ़ाएं। जहां पाइपलाइन डालने या अन्य कार्यों से सड़क की खोदाई हुई है, उनकी मरम्मत की जाए। अधिशासी अभियंता जनप्रतिनिधियों के साथ भ्रमण कर गुणवत्ता जांचें। जनप्रतिनिधि इसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजें। सभी वॉटरहेड टैंकों के आसपास सौंदर्यीकरण करें।
अविरल-निर्मल गोमती की बनाएं परियोजना
सीएम ने राजधानी की गोमती नदी पर विशेष ध्यान देते हुए अविरल-निर्मल गोमती के लिए एक माह में विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाने और इसे शीर्ष प्राथमिकता पर कराने का निर्देश दिया। उन्होंने मानसून बाद इसका भौतिक कार्य शुरू करने और जनसहभागिता के माध्यम से आगे बढ़ाने को कहा। उन्होंने कहा कि सीवर और ड्रेनेज को पृथक कर जीरो लिक्विड डिस्चार्ज की स्थिति सुनिश्चित की जाए।
गर्मी में हो निर्बाध जलापूर्ति
उन्होंने गर्मी के मौसम को देखते हुए प्रदेश में निर्बाध जलापूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी जिले अलर्ट मोड पर रहें। सभी उपलब्ध पेयजल स्रोत सक्रिय रहें। गांवों में पेयजल संकट की सूचना तुरंत हासिल करने के लिए सभी जिलों में कंट्रोल रूम स्थापित बनें। नोडल अधिकारियों की नियुक्ति कर प्रचार-प्रसार करें। सभी खराब हैंडपंपों की तत्काल मरम्मत कराएं, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में जल संकट की स्थिति उत्पन्न न हो।