Budaun News: प्रधान का भाई बोला- चौकी इंचार्ज ने मांगे थे 50 हजार रुपये

बदायूं। सोमवार को रिश्वत लेते पकड़ा गया चौकी इंचार्ज देवेंद्र सिंह मारपीट के मामले में फाइनल रिपोर्ट (एफआर) लगाने के लिए 50 हजार रुपये मांग रहा था। ग्राम प्रधान के भाई प्रदीप यादव का आरोप है कि वह मामला खत्म कराने के लिए इंस्पेक्टर को पहले ही 20 हजार रुपये दे चुके थे। इसके बाद चौकी इंचार्ज अलग से रुपये मांग रहा था। उसका कहना था कि वह विवेचना कर रहा तो एफआर भी वही लगाएगा।
जरीफनगर थाना क्षेत्र के गांव समसपुर कूबरी निवासी बिजेंद्र यादव ने 20 जनवरी को थाना पुलिस को मारपीट की तहरीर दी थी। इस पर पुलिस ने 26 जनवरी को ग्राम प्रधान के भाई प्रदीप यादव और गांव के ही प्रेमपाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। ग्राम प्रधान के भाई प्रदीप का कहना है कि जब ग्रामीणों ने छुट्टा पशुओं को स्कूल में बंद किया था, तब इंचार्ज प्रधानाध्यापक कुलदीप कुमार ने उन्हें इसकी सूचना दी थी, इस पर वह मौके पर पहुंच गए थे।
उन्होंने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की थी, लेकिन ग्रामीण उनसे भिड़ गए थे और उनके साथ मारपीट की थी। प्रदीप का कहना है कि उन्होंने किसी के साथ मारपीट नहीं की थी। उन्होंने अपने साथ हुई मारपीट के संबंध में पुलिस को तहरीर भी दी थी लेकिन पुलिस ने उनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की। उल्टे उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था। यह मामला खत्म कराने को इंस्पेक्टर राकेश कुमार ने 20 हजार रुपये लिए थे। चौकी इंचार्ज एफआर लगाने को 50 हजार रुपये मांग रहा था।
चौकी इंचार्ज ने 50 हजार रुपये की मांग करते हुए धमकी दी कि वह विवेचना कर रहा है तो एफआर भी वही लगाएगा। लिहाजा उसे भी रुपये चाहिए, नहीं तो वह चार्जशीट दाखिल कर देगा। हारकर प्रेमपाल ने एंटी करप्शन टीम को सूचना दी थी। इधर, इंस्पेक्टर राकेश कुमार का कहना है कि उन पर आरोप लगाने वाला प्रदीप न तो कभी उनसे मिला है और न ही थाने आया है। उनके रुपये लेने की बात बिल्कुल गलत है।
प्रधानाध्यापक और नियम सिंह ने ग्रामीणों के खिलाफ दी थी तहरीर
– प्राथमिक स्कूल में छुट्टा पशुओं को बंद करने के मामले में प्रधानाध्यापक और गांव के नियम सिंह ने कई ग्रामीणों के खिलाफ पुलिस को तहरीर दी थी। प्रधानाध्यापक का कहना था कि वह स्कूल में मौजूद थे, तभी कई ग्रामीण छुट्टा पशुओं को घेरकर ले आए। उन्होंने सभी पशुओं को स्कूल में बंद कर दिया। इससे शिक्षण कार्य बाधित हो गया। इस संबंध में उन्होंने तहरीर दी थी लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। इस बाबत में उन्होंने खंड शिक्षाधिकारी और बीडीओ को भी अवगत कराया था।