Budaun News: रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़े गए चौकी इंचार्ज के कमरे में मिले थे 32 हजार रुपये

सोमवार को एंटी करप्शन टीम ने चौकी इंचार्ज देवेंद्र सिंह को 20 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा था। एंटी करप्शन टीम ने चौकी इंचार्ज के कमरे की तलाशी भी ली थी। एंटी करप्शन टीम ने दर्ज कराए गए मामले में 32 हजार रुपये मिलने का भी जिक्र किया है।
बदायूं के जरीफनगर थाना क्षेत्र की दहगवां चौकी पर रिश्वतखोरी का खुला खेल चल रहा था। रुपये लेकर आरोपियों के नाम मुकदमों से निकाले जा रहे थे लेकिन जिले के पुलिस अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। मामला तब खुला, जब एंटी करप्शन टीम ने चौकी इंचार्ज को रंगे हाथ गिरफ्तार किया। जब उसके कमरे में बैग की तलाशी ली गई तो उसमें 32 हजार रुपये और बरामद हुए। माना जा रहा है कि वो भी किसी से रिश्वत लेकर जमा किए गए थे।
एसआई देवेंद्र सिंह करीब चार माह पहले चौकी इंचार्ज बना था। उसके बाद से आपराधिक मामलों में जोड़तोड़ शुरू कर दी थी। कुछ स्थानीय लोगों का यह तक कहना है कि कोई मामला सामने आने पर पहले चौकी इंचार्ज एफआईआर दर्ज कराता था। उसके बाद विवेचना में खेल शुरू कर देता था।
उसके लिए आपराधिक मामलों में आरोपियों के नाम निकालना कोई बड़ी बात नहीं थी लेकिन हैरानी इस बात की है कि एफआईआर में कितने आरोपियों के नाम शामिल किए गए और कितने आरोपियों के नाम निकाल दिए गए, उन्हें किस साक्ष्य आधार पर निकाला गया। कभी इसकी जांच नहीं हुई। अगर पहले इस बात की छानबीन हो जाती तो शायद चौकी इंचार्ज पहले पकड़ा जाता और लोगों को शिकायत करने का मौका नहीं मिलता।
रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा था
जब सोमवार को एंटी करप्शन टीम ने देवेंद्र सिंह को रंगे हाथ पकड़ा था, तब उसके कमरे में रखे बैग से 32 हजार रुपये और मिले थे। एंटी करप्शन टीम ने चौकी इंचार्ज के कमरे की तलाशी भी ली थी। एंटी करप्शन टीम ने दर्ज कराए गए मामले में 32 हजार रुपये मिलने का भी जिक्र किया है।
एफआईआर में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि चौकी इंचार्ज ने 50 हजार रुपये मांगे थे, जिसमें से प्रेमपाल 20 हजार रुपये इंस्पेक्टर राकेश सिंह को दे चुका था। वह चौकी इंचार्ज को रुपये देना नहीं चाह रहा था लेकिन उसके लगातार दबाव बनाने पर एंटी करप्शन टीम को सूचना दी गई थी। इस संबंध में सीओ सहसवान कर्मवीर सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। जल्द ही वह इसकी रिपोर्ट पेश करेंगे।