Gorakhpur News: बैंक ने नहीं बताया किसकी गलती से दिया गया था करोड़ों का कर्ज, खुला जालसाजी का खेल

एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने कहा कि बैंक की ओर से पूरी जानकारी नहीं दी गई है। अभी तक यह नहीं बताया गया है कि इसमें किन बैंक कर्मचारियों की गलती है। बिना बैंक कर्मी के मिलीभगत से ट्रक ड्राइवर को करोड़ों का ऋण देना संभव नहीं लगता है।
फर्जी दस्तावेज पर आईसीआईसीआई बैंक से 4.45 करौड़ की जालसाजी के मामले में बैंक ने पुलिस को अधूरी जानकारी दी है। अभी अभी तक बैंक ने यह नहीं बताया है कि किसकी गलती से ट्रक ड्राइवर रियाज को ढाई करोड़ रुपये का ऋण दे दिया गया था। पत्र का पूरा जवाब न आने पर अब एसएसपी ने पूरे मामले में आईसीआईसीआई के हेड ऑफिस और आरबीआई को पत्र भेजने की तैयारी शुरू कर दी है।
पुलिस इस पूरे प्रकरण में उस जालसाज बैंक कर्मी तक पहुंचना चाहती है, जिसकी वजह से इतनी बड़ी जालसाजी की गई है। हालांकि, बैंक की ओर से पुलिस को ये जवाब दिया गया है कि वह जल्द जानकारी देंगे, लेकिन ये जल्द चार दिन में पूरा नहीं हो सका है।
दरअसल, 4.45 करोड़ की जालसाजी में से ढाई करोड़ रुपये का ऋण रियाज के नाम पर दिया गया है, जो रुद्रांश का ट्रक ड्राइवर है और यह पूरी तरह से फर्जी दस्तावेज पर दिया गया है। इसी वजह से पुलिस की ओर से 10 सवाल तैयार करके बैंक को भेजा गया था।
रुद्रांश की खुलेगी हिस्ट्रीशीट, दर्ज होंगे सभी केस : एसएसपी ने इस पूरे प्रकरण में रुद्रांश की हिस्ट्रीशीट खोलने का भी आदेश दे दिया है। पुलिस उसके मुकदमों को खंगालना शुरू कर दी है। पता चला है कि खजनी थाने में भी रुद्रांश के खिलाफ एक केस दर्ज है। इसके अलावा शाहपुर में दो, लखनऊ में एक केस की जानकारी मिली है।
एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने कहा कि बैंक की ओर से पूरी जानकारी नहीं दी गई है। अभी तक यह नहीं बताया गया है कि इसमें किन बैंक कर्मचारियों की गलती है। बिना बैंक कर्मी के मिलीभगत से ट्रक ड्राइवर को करोड़ों का ऋण देना संभव नहीं लगता है। पुलिस साक्ष्यों के साथ जांच को आगे बढ़ा रही है। अगर बैंक ने जानकारी नहीं दी तो हेड ऑफिस और आरबीआई को पत्र भेजकर पूरी जानकारी पुलिस देगी।