Basti News: चंदो ताल की 600 बीघा जमीन नहीं हो सकी कब्जा मुक्त

बस्ती। चंदो ताल की 600 बीघे सरकारी जमीन पर कब्जा है। जबकि पांच साल पहले तत्कालीन एडीएम रमेश चंद्र ने इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए एसडीएम सदर को निर्देश दिए थे कि चंदो ताल की जमीन को खाली कराई जाए। इसके लिए 11 सदस्यीय राजस्व कर्मियों की टीम बनाई गई था। मगर, यह टीम अब तक कुछ कर नहीं पाई। यही वजह है कि हर साल अतिक्रमणकारी इस जमीन पर फसल की बुवाई कर काट रहे हैं।
सदर तहसील के बस्ती-टांडा हाईवे से सटे पोखरनी चौराहे के पास चंदो ताल करीब 1100 बीघे भू-भाग में फैला हुआ है। इसमें करीब 600 बीघे जमीन को कई लोगों ने अपने नाम करा लिया है। 2007 में इसकी अपील आयुक्त न्यायालय में अपील हुई तो आयुक्त ने सरकार के पक्ष में निर्णय सुना दिया। एक दशक तक इस निर्णय का सदर तहसील प्रशासन ने अनुपालन नहीं किया।
प्रकरण संज्ञान में आने पर 2019 में तत्कालीन डीएम डॉ. राजशेखर व एसडीएम सदर शिव प्रताप शुक्ल ने पहल शुरू की तो जुलाई में तहसील प्रशासन ने आयुक्त के आदेश के क्रम में जमीन को सरकार के नाम पर दर्ज कराया। तत्कालीन एसडीएम शिवप्रताप शुक्ल ने नौ जुलाई 2019 को राजस्व निरीक्षक रामकृष्ण तिवारी, दिनेश कुमार पांडेय, लेखपाल अनिल कुमार, अमित कुमार पटेल, हरिकेश, महेंद्र कुमार सरोज, कपिल कुमार चौधरी, रवींद्र प्रसाद, राम सिंगार और वरुणेंद्र कुमार शुक्ला को निर्देश दिए थे कि वह चंदो ताल की जमीन की पैमाइश कर वर्तमान आख्या उन्हें उपलब्ध कराएं। मगर, यह निर्देश कागज तक ही सीमित रहा। वहीं राजस्व टीम ने बरसात का हवाला देते हुए आख्या नहीं उपलब्ध करवाई। स्थिति यह है कि आज भी कब्जा हटाने को कौन कहे, मौके पर फसल लहलहा रही है। कुछ ने अनधिकृत तरीके से आवास बना लिया है।
चंदो ताल की होगी पैमाइश
डीएफओ जेपी सिंह ने बताया कि राजस्व की टीम ने पैमाइश कर चंदो ताल के कई भूखंडों का चिन्हांकन किया था, लेकिन बरसात में जलभराव के कारण अभियान प्रभावित हो गया। ताल के जमीन की स्थिति जांची जाएगी और पैमाइश करवाकर अतिक्रमण हटवाया जाएगा।