दिल्ली

Diwali 2023: पानी में जगमगाने वाले दीये और झरने वाली लड़ियां कर रहीं आकर्षित,

लोग जमकर कर रहे खरीददारी

नई दिल्ली.          शिवानी सिंह समाचार लेखक

पानी से जलने वाले दीये की मांग सबसे अधिक है। इस दीये की कीमत 60 रुपये हैं। इसके अलावा बाजार में झरने वाली लड़ियां भी लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।

दीपावली में कुछ ही दिन शेष रह गए हैं। ऐसे में बाजारों में दिवाली स्पेशल सजावटी सामानों की जमकर बिक्री हो रही है। खासतौर से पानी से जलने वाले दीये की मांग सबसे अधिक है। इसके अलावा बाजार में झरने वाली लड़ियां भी लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।

इसमें हरे, पीले, नीले, गुलाबी, मल्टी कलर अपनी ओर लोगों को आकर्षित कर रही है। कुछ लाइटें ऐसी भी हैं, जिन्हें रिमोट से भी कंट्रोल किया जा सकता है। सदर बाजार, भागीरथ पैलेस समेत अन्य बाजारों में लोग बड़ी संख्या में खरीदारी के लिए आ रहे हैं। हर तरफ रंग-बिरंगे झालर, झूमर, स्टील कैंडल, मक्खी लाइट, मोमबत्ती लाइट छाई हुई है।

पानी में डालने पर बुझते नहीं हैं

दूर-दूर से लोग दीपावली को लेकर अपने घरों को सजाने के लिए सामान खरीदने आ रहे है। इस दीये की कीमत 60 रुपये हैं। सदर बाजार में दीये बेच रहे संतोष कुमार ने बताया कि इस बार पानी के दीये की मांग अधिक है। सुबह सामान लाते हैं तो दिन तक खत्म हो जाता है। इसके लिए लोग पहले से ऑर्डर दे रहे हैं। इनकी सबसे खास बात यह है कि यह पानी में डालने पर बुझते नहीं हैं। नजफगढ़ से खरीदारी करने आए मोहित सैनी ने बताया कि दीयों की कीमत भी कोई ज्यादा नहीं है। आम दिये के मुकाबले यह सजावट के लिए बेहतर विकल्प है। विक्रेता रघुवीर दयाल ने बताया कि झरने वाली लड़ियां इस बार बाजार में नया सजावट का सामान आया है। यह 10 फुट की है और इसकी कीमत 300 रुपए हैं। यह दिखने में एक दम पेड़ की पत्तियों जैसी लगती है।

एलईडी के कारण बिजली की खपत होती है कम

दुकानदार पंकज कुमार बताते है कि सभी रंग-बिरंगी लड़ियों में एलईडी बल्ब लगे हुए हैं। इस कारण बिजली की खपत कम होती है और रोशनी भी ज्यादा देती है। दीपावली पर घरों को आकर्षक दिखने के लिए लाइट बनाई गई है सभी लाइट में एलईडी बल्ब का प्रयोग किया गया है। जो घरों की सुंदरता में चार चांद लगाएगी।

20 से 30 फीसदी तक बढ़ी कीमतें

दुकानदार रमेश ने बताया कि गत वर्ष की तुलना सभी लाइटें की दर में 20 से 30 फीसदी तक की वृद्धि हुई है। ट्रांसपोर्टिंग व चाइना से लाइट आने से कीमत में इजाफा हुआ है। इसके अलावा स्वदेशी लाइटों की मांग अधिक है। यह टिकाऊ भी है और लोग इसे काफी पसंद भी कर रहे हैं।

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